Kisan Mahapanchayat : जंतर-मंतर पर किसानों का महापंचायत, दूसरी तरफ MSP कमेटी की बैठक, जानें आज क्या-क्या हुआ?
Kisan Mahapanchayat: न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत चल रहा है।महापंचायत में शामिल होने के लिए राज्यों से भारी संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहे।
Kisan Mahapanchayat : न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर सोमवार को 'किसान महापंचायत' बुलाई। महापंचायत में शामिल होने के लिए आसपास के राज्यों से भारी संख्या में किसान दिल्ली पहुंचे। पुलिस ने किसानों को दिल्ली की सीमा पर रोकने के प्रयास किये। इस बीच जंतर-मंतर पर मौजूद किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग गिरा कर आगे बढ़ने की कोशिश की। लेकिन, पुलिस ने उन्हें वहां से आगे नहीं बढ़ने दिया। कई किसानों को हिरासत में भी लिया गया।
किसान महापंचायत के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गठित विशेष कमेटी की आज, 22 अगस्त को पहली बैठक हुई। पहली दौर की बैठक में समिति ने मूल्य श्रृंखला विकास (value chain development) तथा भविष्य की आवश्यकताओं हेतु अनुसंधान (Research) के जरिये भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (Indian Natural Farming System) के तहत क्षेत्र विस्तार के लिए कार्यक्रम और योजनाओं पर सुझाव दिए गए। प्राकृतिक खेती की प्रक्रिया तथा उत्पादों के लिए किसान हितैषी वैकल्पिक प्रमाणन और विपणन प्रणाली को सुनियोजित ढंग से लागू करने के लिए भी सुझाव दिए गए।
MSP को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने पर हुई चर्चा
MSP पर गठित विशेष कमेटी की बैठक पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल (Former Agriculture Secretary Sanjay Agarwal) की अध्यक्षता में हुई। इस समिति बैठक में MSP को अधिक प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने सहित अनिवार्य विषयों पर भी व्यापक चर्चा हुई। कमेटी की अगली बैठक सितंबर महीने के पहले सप्ताह में हैदराबाद में होगी। आज पहले दौर की बातचीत में कमेटी का एजेंडा सहित मुख्य विषयों को बैठक में सभी पक्षों के सामने रखा गया। अगली बैठक में इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। समिति के एक सदस्य ने बताया कि MSP पर समिति ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए चार समूह बनाए हैं।
बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
एमएसपी समिति के सदस्य बिनोद आनंद ने आज हुई बैठक के बारे में मीडिया को बताया। उन्होंने कहा, 'तीन विषयों पर एक प्रस्तुति दी गई थी। इसकी जांच और सिफारिश के लिए समिति की आवश्यकता है। किस राज्य सरकार ने अब तक बेहतर प्रदर्शन किया है और किसका मॉडल सीखने योग्य है, पर भी चर्चा हुई।' बिनोद आनंद ने आगे कहा, कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के प्रतिनिधि दिनभर चली बैठक में मौजूद नहीं थे। नीति आयोग के सदस्य रमेश भी अन्य व्यस्तताओं की वजह से मौजूद नहीं रहे।
SKM ने समिति को किया खारिज
आपको बता दें कि, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पहले ही इस समिति को खारिज किया है। संघ ने अपने प्रतिनिधियों को नामित नहीं करने का फैसला किया। इसलिए एसकेएम की ओर से कोई भी इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। ज्ञात हो, इस समिति में अध्यक्ष सहित 26 सदस्य हैं तथा SKM के प्रतिनिधियों के लिए तीन सदस्यता आरक्षित रखे गए हैं।
किसान महापंचायत से जुड़ी बड़ी बातें :
- भारतीय किसान संघ (BKU) सहित कई किसान संगठनों ने भारत में बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे पर आज के इस महापंचायत का आह्वान किया था।
- दिल्ली और आसपास के राज्यों के किसान बड़ी संख्या में जंतर-मंतर पहुंचे। इस दौरान किसानों ने पुलिस द्वारा लगाए बैरिकेड्स पलट दिए।
- किसानों की बढ़ती संख्या और प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली से सटे सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सहित सभी सीमाओं पर अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया था।
-गाजीपुर सीमा पर कई किसानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में भी लिया।
- किसान महापंचायत को देखते हुए एहतियातन रेलवे ट्रैक, बस स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों पर भी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
- किसान महापंचायत की वजह से राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में ट्रैफिक प्रभावित रहा।
- पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच की।
किसानों की कई मांगें
किसानों की मुख्य मांगें हैं कि, लखीमपुर हिंसा के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ मिले। जेलों में बंद किसानों की रिहाई की जाए। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी हो। स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले के अनुसार MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए। सबसे अहम, देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए। बिजली बिल 2022 को रद्द किया जाए।साथ ही, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए। गन्ने की बकाया राशि का भी जल्द से जल्द भुगतान किया जाए।
किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुक़दमे वापस हो
इसके अतिरिक्त किसानों की मांग है कि, बीते साल किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं। साथ ही, भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर आये और सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द किया जाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का भुगतान जल्द किया जाए। अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) वापस लिए जाने की मांग भी की है।
SKM ने ये कहा
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में कहा, 'जंतर-मंतर पर आज का विरोध एसकेएम का आह्वान नहीं है। कुछ किसान संगठन जो किसानों के विरोध 2020-21 के दौरान एसकेएम का हिस्सा थे, वे इसका आयोजन कर रहे हैं।'
भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बताया, कि 'किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया। करनाल बाईपास पर वाहनों को रोक दिया गया। हम इस किसान महापंचायत को शांति से कर रहे हैं। हमारा कार्यक्रम केवल एक दिन का ही है। लोग दूर से आए हैं। उन्हें इकट्ठा होने दिया जाना चाहिए था। प्रशासन से हमारा अनुरोध है कि वाहनों को आगे बढ़ने दिया जाए।'
टिकैत हिरासत में
इससे पहले, किसान नेता राकेश टिकैत को रविवार को ही पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया था। राकेश टिकैत ने महापंचायत में भाग लेने के लिए राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश की थी। जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था।
दिल्ली में धारा- 144 लागू
दिल्ली में किसानों को महापंचायत करने की अनुमति दिल्ली पुलिस की तरफ से नहीं मिली है। फिर भी सुबह से ही यूपी, हरियाणा और पंजाब के किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचने लगे थे। प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में धारा 144 लगाई गई है। किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए पुलिस ने टिकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर सीमेंटेड बैरिकेड्स लगाए हैं।
किसानों में नाराजगी, सरकार को चेताया
पुलिस की इस सख्ती से किसानों में नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि वे दिल्ली सीमा पर पक्के मोर्चे लगाने के लिए नहीं आए हैं। अभी केवल एक दिन के लिए प्रदर्शन करने के लिए आए हैं ताकि सरकार को चेताया जा सके। अगर, सरकार ने पहले की तरह जिद बांधी तो हम भी एक बार फिर बोरिया बिस्तर लेकर दिल्ली सीमा पर आ जाएंगे।
राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे किसान
जंतर-मंतर पर किसानों द्वारा बुलाई गई महापंचायत सोमवार शाम 4 बजे तक चलेगी। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों का एक जत्था राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपेगा। मोर्चा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनके कार्यक्रम में किसी तरह के व्यवधान डालने की कोशिश की गई तो इसके लिए खुद सरकार जिम्मेदार होगी। एमएसपी गारंटी कानून के अलावा किसानों की अन्य प्रमुख मांगों में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (Union Minister of State for Home Ajay Mishra Teni) की गिरफ्तारी और आंदोलन के दौरान जेल में बंद किसानों की रिहाई है।