Kisan Mahapanchayat: देश में फिर किसान आंदोलन की सुगबुगाहट, MSP को लेकर संसद पर महापंचायत का ऐलान

Kisan Mahapanchayat: संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए 20 मार्च को संसद पर किसान महापंचायत करने का ऐलान किया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-02-10 09:56 IST

Kisan Mahapanchayat (photo: social media )

Kisan Mahapanchayat: न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने और अन्य मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष के बाद किसान संगठन की ओर से लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी देने की मांग की जा रही है मगर सरकार की ओर से अभी तक इस बाबत कोई ऐलान नहीं किया गया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने अब इस मांग को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए 20 मार्च को संसद पर किसान महापंचायत करने का ऐलान किया गया है।

बजट को बताया किसान विरोधी

संयुक्त किसान मोर्चा के गुरुवार को हुई बैठक के दौरान किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहराई से मंथन किया गया। इस बैठक में कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। युद्धवीर सिंह, राजाराम सिंह और डॉ सुनील की अगुवाई में हुई इस बैठक के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुद्दा प्रमुखता से उठा।

बैठक के दौरान वक्ताओं ने मोदी सरकार की ओर से हाल में पेश किए गए बजट को किसान विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में किसानों की हालत सुधारने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया है। इससे किसानों के प्रति केंद्र सरकार की मंशा उजागर होती है।

20 मार्च को किसान महापंचायत का ऐलान

बैठक के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार किसान संगठनों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। इस कारण लंबित मांगों को पूरा कराने के लिए किसान संगठन ने एक बार फिर आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को नींद से जगाने के लिए देश भर के किसान एक बार फिर 20 मार्च को दिल्ली में जुटेंगे।

किसान नेता ने कहा कि किसानों के आंदोलन के समय सरकार की ओर से तमाम वादे किए गए थे मगर उन वादों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है। इसीलिए किसानों की ओर से 20 मार्च को किसान महापंचायत करने का फैसला किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग अभी तक पूरी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि किसान महापंचायत के दौरान बड़ा आंदोलन छोड़ने का फैसला भी किया जा सकता है।

संयुक्त किसान मोर्चा की क्या है मांगें

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार के आगे कई मांगे रखी गई हैं। मोर्चा की ओर से सरकार से एमएसपी को लागू करने, कर्ज माफी, लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री को पद से हटाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने और किसान आंदोलन के दौरान किए गए वादों को पूरा करने की मांग की गई है।

किसान नेता डॉ सुनील ने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण हमने महापंचायत करने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा का संविधान बनाने की भी तैयारी है। इसके साथ ही 31 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया जाएगा। यह कमेटी आगे चलकर संगठन से जुड़े मसलों पर फैसला लेगी।

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