Honey trap: आखिर क्या है हनीट्रैप, जिसमें आसानी से फंस जाते हैं IAS-PCS से लेकर सेना के अधिकारी

दुनिया का हर देश अपने राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर कोशिश में लगा रहता है। इसी क्रम में खुफिया तरीकों के जरिए दुश्मन को मात दी जाती है। इस खुफिया खेल में हनीट्रैप बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जिसमें IAS-PCS से लेकर सेना के बड़े-बड़े अधिकारी आसानी से फंस जाते हैं।

Update:2023-06-27 17:33 IST
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Honey trap: दुनिया का हर देश अपने राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर कोशिश में लगा रहता है। अब हर समय अपने दुश्मन को मात देने के लिए सीधी जंग तो नहीं की जा सकता है। क्योंकि इससे बड़े जान माल का नुकासन होता है। ऐसे में खुफिया तरीकों के जरिए दुश्मन को मात दी जाती है। इस खुफिया खेल में हनीट्रैप बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जिसमें IAS-PCS से लेकर सेना के बड़े-बड़े अधिकारी आसानी से फंस जाते हैं। जानिए आखिर यह हनीट्रैप क्या और इसमें कैसे सेना के अधिकारियों को फंसा लिया जाता है।

क्या है हनीट्रैप
हनीट्रैप- जिसके नाम से पता चल रहा कि हनी यानि शहद और ट्रैप मतलब जाल है। यह एक ऐसा मीठा जाल है जिसमें फंसने वाले को पता भी नहीं चलता और वो इस जाल में फंस जाता है। दरअसल इस खेल में खूबसूरत महिला एजेंट्स होती है, जिन्हें वाकायदा ट्रेनिंग दी जाती है। ये महिलाएं सेना के अधिकारियों को पहले अपने हुस्न के जाल में फंसाती हैं। इसके बाद उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेती हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अकसर भारतीय सेना से जुड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश करती है।

कुछ साल पहले वायुसेना के अरुण मारवाह को हनीट्रैप में फंसाया गया था और उनसे काफी जानकारी हासिल कर ली गई थी। वहीं, अभी हाल में यूपी के आगरा से हनीट्रैप का मामला सामने आया था। जिसमें कल्‍पना मिश्रा नाम की एक लड़की ने पहले आईएएस बनकर पीसीएस अफसर नोबिल कुमार को अपने हुस्‍न के जाल में फंसाया। इसके बाद उनसे शादी कर लाखों रुपये हड़प लिए।

जानिए हनीट्रैप में कैसे फंसाया जाता है-

1- सोशल मीडिया के जरिए

हनीट्रैप के मामले में सबसे ज्यादा सोशल मीडिया के जरिए फंसाया जाता है। इसके लिए पहले फेक प्रोफाइल्स बनाई जाती हैं। यह इस कदर असली नजर आती हैं कि सेना का अधिकारी हो या आप उस पर तुरंत भरोसा कर लेंगे। जबकि होता यह है कि सामने जो लड़की बनकर बातें कर रही है, वो वास्तव में एक लड़का होता है। क्योंकि हनीट्रैप में फंसाने के लिए कई बार पुरुष एजेंट, महिला बन कर बातें करते हैं।

2- नंबरों का आदान-प्रदान

सोशल मीडिया पर जुड़ने के बाद अधिकारियों का भरोसा हासिल करने के लिए मोबाइल नंबरों का आदान प्रदान किया जाता है। इसके बाद whatsapp जैसे टूल्स से भी चैटिंग शुरू हो जाती है। इस पर चैटिंग के दौरान अंतरंग तस्वीरें, बेहद निजी राज आदि जान लिए जाते हैं। जिसका इस्तेमाल ब्लैकमेल करने में किया जाता है।

3- खुद को विदेशी बताती हैं

कई बार अपने मीठे जाल में फंसाने वाली यह लड़कियां खुद को किसी यूरोपियन देश या फिर अमेरिका का बताती है। इसके अलावा कई बार लड़कियां खुद को किसी अखबार या मैगजीन से जुड़ा भी बताती है। जिसके जरिये यह लोग सेना अधिकारियों से जानकारी देने के लिए उन्हें अच्छा पैसा भी ऑफर करते हैं।

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