Kolkata Case Update : मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल से सीबीआई की पूछताछ

Kolkata Case Update : आर जी कर मेडिकल कॉलेज में एक छात्रा की जघन्य हत्या के मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से सीबीआई टीम पूछताछ कर रही है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-08-16 16:14 IST

Kolkata Case Update (Photo - Social Media) 

Kolkata Case Update : आर जी कर मेडिकल कॉलेज में एक छात्रा की जघन्य हत्या के मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से सीबीआई टीम पूछताछ कर रही है। सीबीआई संदीप घोष को साल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स ले गई है और उससे पूछताछ शुरू कर दी है।

सीबीआई ने इससे पहले घोष को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह नहीं पहुंचा। उल्टे उसने कोलकाता हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी कि उसकी जान को खतरा है और उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाए। संदीप घोष ने ही इस रेप-मर्डर घटना के प्रकाश में आने पर 'आत्महत्या' की थ्योरी पेश की थी। उसने आरोप लगाया था कि डॉक्टर की मौत हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या थी।

कोर्ट ने छुट्टी पर भेजा

डॉ. संदीप घोष को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने छुट्टी पर जाने को कहा था, क्योंकि मामले के दौरान उसके नेतृत्व और प्रतिक्रिया पर चिंता जताई गई थी। पीड़ितों को दोषी ठहराने वाली टिप्पणियों और कर्मचारियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा बनाए रखने में विफल रहने के कारण घोष को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, आश्चर्यजनक तरीके से उसे 24 घंटे बाद ही कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में बहाल कर दिया गया।

इस बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपराध स्थल के पास मरम्मत कार्य कराने की उसकी जल्दबाजी पर सवाल उठाया। राज्य के वकील ने जब कहा कि डॉक्टरों के शौचालय के लिए जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है, तो अदालत ने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाया। अदालत ने राज्य के वकील से पूछा, "आखिर इतनी जल्दी क्या थी? आप किसी भी जिला न्यायालय परिसर में जाइए, देखिए कि महिलाओं के लिए कोई शौचालय है या नहीं! मैं यह जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूँ। पीडब्ल्यूडी ने क्या किया है? हम मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर देंगे, आरजी कर अस्पताल को बंद कर देंगे। यही सबसे अच्छा होगा। कोर्ट ने सरकारी वकील से कहा कि क्राइम स्थल की फोटो और अद्यतन स्थिति के बारे में कोर्ट को बताया जाए।

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