आरजी कर मेडिकल कॉलेज काण्ड: पुलिस डिप्टी कमिश्नर से सीबीआई की पूछताछ
Kolkata Doctor Case: सीबीआई ने अभिषेक गुप्ता से कुछ सवाल अस्पताल में पुलिस चौकी पर जूनियर डॉक्टर की मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस की कार्रवाई के बारे में पूछे।
Kolkata Doctor Case: सीबीआई ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जांच के सिलसिले में 11 सितम्बर की रात कोलकाता पुलिस के उत्तरी डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर अभिषेक गुप्ता से पूछताछ की। इस काण्ड में पहली बार सीबीआई ने किसी हाई रैंकिंग पुलिस अफसर से पूछताछ की है।
दरअसल, आरजी कर मेडिकल कालेज डिप्टी कमिश्नर अभिषेक गुप्ता के डिवीजन का हिस्सा हैं। मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी का शव मुर्दाघर से आने के बाद अभिषेक गुप्ता ने उन्हें पैसे की पेशकश की थी।
रात 9 बजे पूछताछ के लिए डीसी अभिषेक गुप्ता के साथ कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग (विशेष) के डिप्टी कमिश्नर विदित राज भुंडेश भी साल्ट लेक स्थित सीबीआई कार्यालय गए। बताया जाता है कि सीबीआई ने अभिषेक गुप्ता से कुछ सवाल अस्पताल में पुलिस चौकी पर जूनियर डॉक्टर की मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस की कार्रवाई के बारे में पूछे। इसके अलावा 14 अगस्त की मध्यरात्रि के बाद अस्पताल परिसर में घुसी भीड़ द्वारा की गई तोड़फोड़ के बारे में भी पूछा गया।
चार जूनियर डॉक्टरों से पूछताछ
इससे पहले दिन में सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चेस्ट मेडिसिन विभाग के चार जूनियर डॉक्टरों से पूछताछ की ताकि 9 अगस्त की सुबह की घटनाओं के सिलसिले को जोड़ा जा सके। चारों में से तीन को पहली बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। चौथे से एक बार जांच अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा चुकी है। इन तीनों ने घटना वाले दिन यानी 9 अगस्त की सुबह अपनी ड्यूटी ज्वाइन की थी। चारों के अलावा, सीबीआई ने आरजी कर के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग की दो वरिष्ठ डॉक्टरों मौली बिस्वास और अपूर्वा बनर्जी से भी पूछताछ की, जो जूनियर डॉक्टर का पोस्टमार्टम करने वाले तीन सदस्यीय बोर्ड का हिस्सा थीं।
केंद्रीय एजेंसी जूनियर डॉक्टर की मौत और उसके बाद उसके साथ बलात्कार किए जाने के खुलासे तक की घटनाओं की श्रृंखला को फिर से जोड़ने की कोशिश कर रही है। सीबीआई अधिकारियों ने एक हाउस स्टाफ और दो पोस्टग्रेजुएट प्रशिक्षुओं सहित कुछ सहकर्मियों से बात की है, जो डॉक्टर की हत्या की रात उसके साथ ड्यूटी पर थे। ताजा पूछताछ का उद्देश्य आरजी कर के जूनियर डॉक्टरों के व्हाट्सएप ग्रुप पर मौत की खबर फैलने के बाद मौजूद कुछ जूनियर डॉक्टरों से नए सिरे से पूछताछ करना था। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को पता चला है कि 9 अगस्त की सुबह इमरजेंसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर सेमिनार हॉल में पहुंचे कुछ जूनियर डॉक्टरों ने सबसे पहले पोस्टग्रेजुएट प्रशिक्षु का शव देखा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक व्हाट्सएप ग्रुप पर तुरंत एक संदेश पोस्ट किया गया और कुछ ही मिनटों में कुछ अन्य जूनियर डॉक्टर सेमिनार हॉल में इकट्ठा हो गए।
सीबीआई ने दिन में आरजी कर में पुलिस चौकी के एक अधिकारी से भी पूछताछ की ताकि पता चल सके कि कैंपस में मौजूद पुलिसकर्मियों को मौत के बारे में कब पता चला।