ममता बनर्जी और पुलिस कमिश्नर के पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग, छात्रों पर पुलिस बर्बरता को लेकर भड़की भाजपा

Kolkata Rape Murder Case: मंगलवार को नबन्ना मार्च निकाल रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ ही आंसू गैस के गोले दागे थे। इसके साथ ही वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया था।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-08-28 09:05 IST

ममता बनर्जी   (photo: social media ) 

Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले को लेकर सियासी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर नबन्ना मार्च निकाल रहे छात्रों पर की गई पुलिस कार्रवाई पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। इसके साथ ही पार्टी ने महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की भी मांग की है।

पार्टी ने कहा कि इस मामले इस घटना की सच्चाई सामने लाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार की कड़ी निंदा की है।

ममता के राज में महिलाओं के लिए आवाज उठाना अपराध

मंगलवार को नबन्ना मार्च निकाल रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ ही आंसू गैस के गोले दागे थे। इसके साथ ही वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया था। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई इलाकों में झड़प हुई थी। भाजपा ने पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि कोलकाता से आई पुलिस बर्बरता की तस्वीरों ने हर उस व्यक्ति को दुखी और नाराज कर दिया है जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास रखता है।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु डॉक्टर से दरिंदगी और हत्या के विरोध में मार्च निकाल रहे छात्रों पर लाठीचार्ज करना निंदनीय है। ममता दीदी के बंगाल में दुष्कर्मियों और अपराधियों की मदद करना तो मायने रखता है मगर महिलाओं की सुरक्षा के लिए आवाज उठाना बहुत बड़ा अपराध है।

ममता और पुलिस कमिश्नर के पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दरिंदगी और हत्या के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना की सच्चाई सामने लाने के लिए सीबीआई को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर का पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहिए। तभी इस दिल दहलाने वाली घटना का पूरी तरह पर्दाफाश किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि नबन्ना मार्च निकाल रहे छात्रों पर की गई पुलिस की कार्रवाई ममता सरकार की बर्बरता को दिखाती है। ममता सरकार छात्रों पर तो लाठीचार्ज करती है जबकि लुंगी वाहिनी घुसपैठियों का धर्म देखकर उन्हें तृणमूल कांग्रेस का सदस्य मान लिया जाता है। उनके सामने पुलिस से मूकदर्शक बनी रहती है।

पश्चिम बंगाल में तार-तार हुआ संविधान

उन्होंने कहा कि कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के विरोध में मार्च निकाल रहे छात्रों के साथ जो कुछ हुआ, वह चिंताजनक है और संविधान को तार-तार करने वाला है। इस घटना से ममता बनर्जी की तानाशाही पूरी तरह उजागर हो गई है। ममता बनर्जी आरोपितों का पक्ष लेते हुए उन्हें संरक्षण देने में जुटी हुई हैं।

भाटिया ने कहा कि जब ममता बनर्जी महिलाओं और बेटियों को सुरक्षा देने में विफल रहीं तो अब युवाओं ने आगे बढ़कर बीड़ा उठा लिया है। इस घटना को लेकर जनता की जबर्दस्त नाराजगी को देखते हुए ममता बनर्जी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

राज्यपाल ने भी पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी छात्रों के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार की कड़ी निंदा की है। राज्यपाल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए जरूरत से अधिक पुलिस बल और शक्ति का प्रयोग कर राष्ट्रीय ध्वज और बंगाल के लोगों का अपमान किया है।

सियासी जानकारों का मानना है कि कोलकाता में हुई घटना से अब ममता बनर्जी गहरी मुश्किल में फंस गई हैं। चौतरफा घेरेबंदी के कारण अब उन पर इस्तीफे का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस की तमाम कोशिशों के बावजूद लोगों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

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