Doctors strike: काम पर लौटें धरती के ‘भगवान’… डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्र का बड़ा कदम, बंगाल में स्वास्थ्य कर्मियों के भारी तबादले
Kolkata Murder Case: देश भर में मरीजों हो रही परेशानी और बरसाती मौसम होने वाली बीमारियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने हड़ताल वापस लेकर डॉक्टरों से ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध किया है। उधर ममता सरकार ने राज्य में कई डॉक्टरों के तबादले कर रह दिये हैं।
Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता के सरकारी आरजी अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या की घटना को लेकर पूरे देश में रोष फैला हुआ है। पहले जहां इस मामले में पुलिस रेप की बात कही जा रही थी, लेकिन आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि के संकेत मिले हैं। पूरा देश महिला डॉक्टर के आरोपी को फांसी चढ़ाने की मांग कर रहा है। भारत से लेकर दुनिया के कई देशों में इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत में डॉक्टरों अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। देश भर की सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी सहित कई स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दी हैं। इस वजह से मरीजों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा रहा है। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं, लेकिन डॉक्टारों में संकेत दिये हैं, इस मामले में सरकार ठोस कदम नहीं उठाएगी तो यह सेवाएं बंद कर दी जाएगीं।
विरोध के बीच बंगाल में डॉक्टरों के ट्रांसफर
देश भर में मरीजों हो रही परेशानी और बरसाती मौसम होने वाली बीमारियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने हड़ताल वापस लेकर डॉक्टरों से ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध किया है। साथ ही, ये भी ऐलान किया है कि स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित की जाएगी। महिला डॉक्टर की मौत और अस्पताल परिसर पर हुई तोड़फोड़ और वहां प्रदर्शन पर बैठे डॉक्टरों के साथ की गई अभद्रता इस मामले में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के नाम आने के संकेत के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने कई डॉक्टरों के ट्रांसफर कर दिए हैं। राज्य की मुख्यमंत्री मममा बनर्जी ने देश भर में जारी हड़ताल के बीच आरजी कर मेडिकल-अस्पताल के करीब 10 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ का तबादला कर दिया गया दिया है। इसके अलावा सरकार ने कोलकाता मेडिकल कॉलेज सहित कई अन्य अस्पतालों के कई डॉक्टरों के भी तबादले कर दिए हैं।
डॉक्टरों के ट्रांसफर को लेकर ममता पर उठे सवाल
राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को इन सभी का तबादला आदेश जारी किए गए थे, जिस पर अमल शनिवार को हुआ है। डॉक्टारों के हुए ट्रांसफर पर बवाल खड़ा हो गया है। सरकार पर डॉक्टरों आरोप लगा रहे हैं कि जो डॉक्टर इस घटना का समर्थन कर रहे थे, जिनके ट्रांसफर कर दी गए हैं। इस ट्रांसफर में आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसर और डॉक्टर भी शामिल हैं। डॉ. संगीता पॉल और डॉ. सुप्रिया दास को ट्रांसफर कर दूसरी जगह भेज दिया गया है।
जो हमारा समर्थन कर रहे थे, उनके कर दिये गए ट्रांसफर
आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में चल रहे प्रदर्शन पर बैठी प्रदर्शनकारी डॉ किंजल नंदा ने कहा, "वरिष्ठ प्रोफेसर, डॉक्टरों का तबादला कर दिया गया, जो लोग हमारे विरोध का समर्थन कर रहे थे। हमने इस कदम के खिलाफ भी आवाज उठाई है। हमें नहीं पता कि साजिश क्या थी? जो वरिष्ठ प्रोफेसर हमारे साथ विभिन्न विश्वविद्यालयों से थे, जो हमारा और हमारे आंदोलन का समर्थन कर रहे थे, उनका तबादला कर दिया गया। हमने अधिसूचना देखी है. मैडम प्रो. डॉ. संगीता पॉल हमारे साथ थीं. वह यहां आईं और हमारा समर्थन किया लेकिन उनका तबादला कर दिया गया है।
केंद्र सकार का ऐलान, सुरक्षा के लिए समिति का गठन
डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है और काम पर लौटने की अपील की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि फोर्डा, आईएमए और सरकारी अस्पतालों के आरडीए की तरफ से बताई गई चिंताओं के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कमेटी का गठन कर रही है। यह कमेटी स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर सभी संभव कदमों का ब्योरा देगी। इस कमेटी को सुझाव देने के लिए अलग-अलग प्रतिनिधियों और राज्य सरकारों का भी स्वागत है। मंत्रालय प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से अपील करता है कि वह जनहित के लिए डेंगू-मलेरिया के बढ़ते केसों के मद्देनजर काम पर लौटें।