Kolkata Rape Murder Case: पोस्टमार्टम में प्राइवेट पार्ट से 151 ग्राम लिक्विड मिलने की बात, रिपोर्ट पढ़ने वाले डाक्टर का बड़ा दावा

Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले में नई थ्योरी सामने आ रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ने वाले डॉक्टर ने दावा किया है कि रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के मामले में एक से अधिक लोगों की भूमिका हो सकती है। पीड़िता के प्राइवेट पार्ट से 151 ग्राम लिक्विड मिला है।

Update: 2024-08-14 12:45 GMT

Kolkata Rape Murder Case ( Pic- Social- Media)

Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर का मामला अब पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। देश भर के डाक्टर इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतर कर डाक्टरों की सुरक्षा के साथ-साथ पीड़िता के साथ न्याय की मांग कर रहे हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई ने इसे अपने हाथ में ले लिया है। वहीं दरिंदगी के इस मामले में परत दर परत कई खुलासे भी हो रहे हैं। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर एक डॉक्टर ने बड़ा दावा किया है और कई सवाल भी उठाए हैं। उनका कहना है कि इस जुर्म में एक से ज्यादा आरोपी शामिल हैं।

अखिल भारतीय सरकारी डॉक्टर संघ के अतिरिक्त महासचिव डॉ. सुवर्ण गोस्वामी के मुताबिक उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ी है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि महिला डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट से 151 ग्राम लिक्विड मिला है। डॉ. गोस्वामी का दावा है कि इतनी ज्यादा मात्रा किसी एक शख्स की नहीं हो सकती।

कई लोगों की भूमिका संभवः

डॉ. गोस्वामी का दावा है कि पीएम रिपोर्ट से इस जघन्य अपराध में कई लोगों के शामिल होने का संकेत मिलता है। महिला डॉक्टर के शरीर पर जिस प्रकार की चोट मिली है और जितनी ताकत उस पर हमला करने में लगाई गई है, यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता। लेडी डॉक्टर के परिवार को भी कई लोगों की भूमिका को लेकर संदेह है। यही नहीं डॉ. गोस्वामी ने कोलकाता पुलिस के उस बयान का भी खंडन किया है, जिसमें एक ही आरोपी होने की बात कही गई है।

देखिए, पीएम रिपोर्ट पढ़ने वाले डॉ. ने क्या कहा

क्यों शुरू किया गया रिपेयरिंग का काम?

दरअसल, महिला डाक्टर से रेप और मर्डर के इस मामले की जांच शुरू से ही सवालों के घेरे में हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का आरोप है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी सेमिनार हॉल को खुला रखा गया। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि वहां रिपेयरिंग का काम होना था। लेकिन रिपेयरिंग का काम सेमिनार हॉल के बगल के कमरे में होना था। वहीं सेमिनार हॉल के अंदर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था। ये एक तरह की लापरवाही है। हड़ताली डॉक्टरों ने सेमिनार हॉल के सामने निर्माण कार्य पर भी सवाल खड़े किए हैं।

सेमिनार हॉल को सील क्यों नहीं किया गया?

प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि सबूतों से छेड़छाड़ करने के लिए सेमिनार हॉल के बगल में कंस्ट्रक्शन शुरू किया गया है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि अस्पताल के जिस सेमिनार हॉल में इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया, उसे सील किया जाना चाहिए था। सेमिनार हॉल को सील क्यों नहीं किया गया?

मां-बाप हाथ जोड़ते रहे कि...

एक न्यूज पोर्टल के अनुसार मृत डाक्टर की एक महिला पड़ोसी ने बातचीत में कहा, करीब 10ः30 बजे मेरी पड़ोसी (मृतक की मां) चीखते, बिलखते और रोते हुए मुझसे लिपटती हैं और कहती हैं कि सबकुछ खत्म हो गया। मैंने कहा क्या हो गया? उन्होंने कहा कि मेरी लड़की ने सुसाइड कर लिया है ये खबर आई है हॉस्पिटल से। मैंने पूछा सुसाइड... कब, कैसे. उन्होंने कहा कि अस्पताल से यही बोला गया है। हम चार लोग, मैं, लड़की के माता-पिता और हमारे एक और साथी अस्पताल पहुंचे। वहां हमको तीन घंटे खड़े रखा गया। मां-बाप हाथ जोड़ते रहे कि हमारी बच्ची का मुंह एक बार दिखाओ, लेकिन नहीं दिखाया गया। तीन घंटे बाद माता-पिता को सेमिनार हॉल ले जाया गया। पिता ने अपने मोबाइल फोन में फोटो खींचने के बाद लाकर मुझे दिखाया। उसके मुंह में खून था। चश्मे को कूचा गया था, जिसके कारण आंखों से खून निकला था। शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। पैर दोनों राइट एंगल में थे। एक पांव बेड के एक तरफ और दूसरा पांव बेड के दूसरी तरफ था। जब तक पेल्विक गर्डल नहीं टूटता है, पैर ऐसे नहीं हो सकते। गला घोंटकर उसे मारा गया। अस्पताल प्रशासन की इस लीपापोती के बाद से ही परिवार के साथ-साथ इस मामले से जुड़े लोग जांच को शक की नजर से देखने लगे।

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