भारत की बड़ी जीत: चीनी सेना इस इलाके में नहीं करेगी गश्त, नए ढांचों को भी गिराएगी

इस बारें में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव पर वार्ता जारी है। उन्होंने ये भी कहा कि चीनी पक्ष भी अगली वार्ता के लिए तैयार है।

Update:2020-11-13 11:46 IST
मंगलवार को मंत्रालय की ओर से जारी किए परिपत्र में कहा है कि पहले की चौड़ाई मानक सामरिक सड़कों से संबंधित मुद्दे का समाधान नहीं करती।

लेह: भारत और चीन में सीमा विवाद को लेकर चल रही तनातनी के बीच आज एक अच्छी खबर आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच चीनी सेना अब गश्त नहीं करेगी।

चीन ने इस इलाके में निगरानी पोस्ट बनाए रखने का अपना पुराना रुख भी अब छोड़ दिया है। ये सब चीन पर भारत के बढ़ते दबाव के बाद मुमकिन हो पाया है।

भारत ने भी ये फैसला किया है अगर चीनी सेना फिंगर-4 और फिंगर-8 पर गश्त नहीं करेगी तो उसकी सेना भी उस स्थान पर गश्त नहीं करेगी।

आपस में बात करते हुए भारत और चीन के सैन्य अधिकारी (फोटो:सोशल मीडिया)

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अप्रैल-मई के बाद बने सभी नए ढांचों को ध्वस्त करेंगे भारत और चीन

भारत-चीन के बीच पीछे हटने के प्रस्तावों पर की जा रही बातचीत के मुताबिक दोनों पक्ष पैंगोंग झील इलाके में इस साल अप्रैल-मई के बाद बने सभी नए ढांचों को ध्वस्त करेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीछे हटने की योजना पर दोनों देशों के बीच चुशुल में छह नवंबर को हुई कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की वार्ता में चर्चा हुई थी। जिसके मुताबिक, पैंगोंग झील इलाके में वार्ता से एक हफ्ते के अंदर चीन चरणों में अंजाम दिया जाना है।

अब देपसांग के मैदानी इलाकों के मुद्दे पर दोनों देश अलग से बैठकर वार्ता करेंगे,जहां चीन ने भारतीय सेना के कुछ गश्त स्थलों को अवरुद्ध कर दिया है।

भारतीय सेना के एक-दो अन्य गश्त स्थलों से भी चीनी सेना पहले चरण में पूरी तरह से पीछे नहीं हटी है, इसका भी जल्द समाधान किया जाना है।

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चीनी सेना (फोटो-सोशल मीडिया)

भारत और चीन अगली वार्ता के लिए राजी

बता दें कि छह नवंबर को हुई वार्ता में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और मिलिट्री आपरेशंस महानिदेशालय के ब्रिगेडियर घई ने भी भाग लिया था।

भारत इस मामले में सावधानी पूर्वक कदम आगे बढ़ा रहा है। भारत का ऐसा सोचना है कि बातचीत और समझौते को जमीनी स्तर पर लागू भी किया जाना चाहिए। इस बीच विदेश मंत्रालय ने एक और कमांडर स्तर की वार्ता के संकेत दिए हैं।

इस बारें में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव पर वार्ता जारी है। उन्होंने ये भी कहा कि चीनी पक्ष भी अगली वार्ता के लिए तैयार है।

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