पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 26 अगस्त को प्रस्तावित बाढ़ प्रभावित इलाके के हवाई सर्वेक्षण कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री यहां बाढ़ के बहाने 'हवाखोरी' करने आ रहे हैं। लालू ने राज्य के सृजन घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस मामले में साक्ष्य मिटाए जा रहे हैं।
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि सृजन घोटाला मध्यप्रदेश के व्यापमं से बड़ा 'स्कैम' है। लालू ने सृजन घोटाला मामले में गिरफ्तार आरोपी महेश मंडल की न्यायिक हिरासत में हुई मौत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सृजन घोटाला व्यापमं की राह पर जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर इस मामले में साक्ष्यों का छिपाने की साजिश हो रही है। लालू ने कहा कि इस मामले की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी जान-बूझकर देरी कर रही है।
लालू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए सवालिया लहजे में कहा, "जिस जिलाधिकारी ने इस मामले को उजागर किया, उस अधिकारी का तबादला क्यों किया गया? नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए।"
लालू ने आरोप लगाया कि घोटाले में खुद को बचाने के लिए नीतीश ने सभी सबूतों को नष्ट कर दिया है।
पूर्व रेलमंत्री ने कहा, सीएजी ने 2008 की अपनी रिपोर्ट में इस मामले को लेकर वैधानिक गड़बड़ियों का उल्लेख किया था, लेकिन मामले को क्यों दबाया गया? इस दौरान लालू ने बिना किसी का नाम लिए जद (यू) के तीन प्रवक्ताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी भी की।
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भागलपुर जिले के सबौर स्थित स्वयंसेवी संस्था सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक खाते में सरकारी योजनाओं के पैसे रखे जाते थे, जिसका उपयोग संस्था द्वारा अपने व्यक्तिगत कार्यो में करती थी। इस मामले की जांच इन दिनों विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रही है।
इस मामले में अब तक जालसाजी एवं फर्जी तरीके से 900 करोड़ रुपये के अवैध हस्तांतरण के मामले सामने आ चुके हैं। विपक्ष की मांग के बाद बिहार सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की है।
लालू ने प्रधानमंत्री मोदी के बाढ़ प्रभावित जिलों के हवाई सर्वेक्षण कार्यक्रम पर कटाक्ष करते हुए कहा, "मोदी बाढ़ पीड़ित लोगों को देखने बिहार आ रहे हैं। यह सब नौटंकी है, बाढ़ तो बहाना है। बाढ़ का पानी जब उतर गया है, तब पीड़ितों को देखने आ रहे हैं। वे बुनियादी बातों को देखने नहीं 'हवाखोरी' के लिए आ रहे हैं।"
उन्होंने बिहार में इस साल बाढ़ के आने के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि बांधों के टूटने के कारण बाढ़ आई है। उन्होंने कहा कि इस साल बांध मरम्मत के नाम पर बहुत घोटाला हुआ है, जिसका नतीजा सामने है।
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लालू ने कहा, "लोग मारे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री बाढ़ से बचाव की तैयारी करने की बजाय कुर्सी बचाने का जोड़-तोड़ और अपनी छवि को डेंट-पेंट करने में लगे थे।"
उन्होंने कहा, "माना कि बाढ़ प्राकृतिक आपदा है, लेकिन सरकार हर वर्ष बाढ़ और कटाव के नाम पर तटबंध निर्माण में हजारों करोड़ खर्च करती है, मगर उसकी उपयोगिता जमीन पर नहीं दिखती, बाढ़ के नाम पर भी घोटाला हुआ है।"
राजद प्रमुख ने आरोप लगाया कि सरकार बाढ़ से मरने वालों के सही आंकड़े जारी नहीं कर रही है। पीड़ित लोगों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया है। सरकार से ज्यादा मदद तो गैर-सरकारी संस्थाएं और उसके कार्यकर्ता लोग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और चलाए जा रहे राहत कार्यो का जायजा लेंगे।