Land For Job Scam Case: लालू परिवार को कोर्ट ने दी बड़ी राहत, अगली सुनवाई तक मिली अंतरिम जमानत

Land For Job Scam Case: नौकरी के बदले जमीन घोटाला केस में पूर्व सीएम राबड़ी देवी, दोनों बेटियां मीसा और हेमा यादव को दिल्ली की अदालत ने बड़ी राहत दी है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2024-02-09 10:57 IST

Land For Job Scam Case  (photo: social media )

Land For Job Scam Case: चर्चित नौकरी के बदले जमीन घोटाला (लैंड फॉर जॉब स्कैम) केस में लालू परिवार को दिल्ली की अदालत से आज बड़ी राहत मिली है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपने दोनों बेटियों बड़ी बेटी राज्यसभा सांसद मीसा भारती और छोटी बेटी हेमा यादव के साथ शुक्रवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुईं। अदालत ने सुनवाई के बाद तीनों को राहत देते हुए अंतरिम जमानत प्रदान कर दी।

कोर्ट ने तीनों को एक-एक लाख रूपये के बेल बॉन्ड पर जमानत दी है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तारीख तय की गई है। मामले के अन्य आरोपियों को भी कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है। आरोपियों की ओर से जस्टिस विशाल गोगने के समक्ष नियमित जमानत याचिका दायर की गई थी। जिस पर आज सुनवाई। कोर्ट ने उनकी रेगुलर बेल की मांग को अस्वीकार करते हुए अगली सुनवाई तक अंतरिम जमानत देने का आदेश सुनाया।

व्हील चेयर से कोर्ट पहुंची मीसा भारती

लालू परिवार के तीन सदस्य न एक दिन पहले दिल्ली पहुंच गई थीं। तीनों एक ही गाड़ी में सवार होकर पंडारा रोड स्थित आवास से कोर्ट के लिए निकलीं। राज्यसभा सांसद डॉक्टर मीसा भारती को गाड़ी से जज के चेंबर तक व्हील चेयर के जरिए ले जाया गया। मीसा को व्हील चेयर पर देख सभी दंग रह गए। कुछ दिनों पहले जब बिहार की राजधानी पटना स्थित ईडी दफ्तर में पिता लालू यादव और भाई तेजस्वी यादव से इसी मामले में एजेंसी ने पूछताछ की थी तो मीसा दोनों दिन वहां डटी नजर आई थीं।

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम ?

लैंड फॉर जॉब स्कैम का मामला यूपीए -1 के दौरान का है, जब राजद सुप्रीमो लालू यादव रेल मंत्री हुआ करते थे। आरोप है कि उन्होंने रेलवे में चतुर्थ श्रेणी में नौकरी देने के एवज में बिहार के कई लोगों से महंगी जमीन औने-पौने दामों पर खरीदी। ये भर्तियां बगैर विज्ञापन प्रकाशित किए की गई थीं। इस मामले को सबसे पहले उजागर जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने किया था। उन्होंने सबूतों के साथ कई अहम दस्तावेज तत्तकालीन पीएम मनमोहन सिंह को सौंपते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की थी। इस घोटाले की जांच सीबीआई के साथ-साथ ईडी भी कर रही है।

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