Landslide in Manipur: भूस्खलन में टेरिटोरियल आर्मी के 50 जवान दबे, सात की मौत, देखें वीडियो

Landslide in Manipur:लैंडस्लाइड की चपेट में 107 टेरिटोरियल आर्मी का कैंप आ गया। इस हादसे के बाद दर्जनों जवान मिट्टी में दब गए।

Written By :  Rakesh Mishra
Update:2022-06-30 15:09 IST

landslide in Manipur(Image credit: Social Media)

Landslide in Manipur: मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण शिविर के पास बड़े पैमाने पर भूस्खलन के बाद कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। घायलों में कुछ की हालत गंभीर है। मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि लगभग 23 लोग अभी भी लापता हैं और तलाशी अभियान जारी है।

घटना बुधवार आधी रात के करीब उस वक्त हुई जब नोनी थाने के उत्तर पूर्व में करीब 14 उत्तर पूर्व मखुआम इलाके के पास तुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर के पास भूस्खलन हुआ। लैंडस्लाइड की चपेट में 107 टेरिटोरियल आर्मी का कैंप आ गया। इस हादसे के बाद दर्जनों जवान मिट्टी में दब गए।

खोज एवं बचाव अभियान की निगरानी कर रहे राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "अब तक हमने सात शव बरामद किए हैं और 13 घायलों को बचाया है। गंभीर रूप से घायल लोगों को रेफर किया जाएगा।"

बता दें कि तामेंगलोंग और नोनी जिलों से बहने वाली इजाई नदी को मलबे से बाधित कर दिया गया है, जिसने बांध जैसी भंडारण की स्थिति पैदा कर दी है, जो अगर टूट गई, तो नोनी जिले के निचले इलाकों में कहर बरपाएगी।

आम लोगों के दबे होने की भी आशंका

लैंडस्लाइड की चपेट में आए घायल जवानों को नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट ले जाया गया है। अधिकारियों ने मलबे में कुछ नागरिकों के दबे होने की भी आशंका जताई है। खराब मौसम के कारण बचाव अभियान में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सेना के हेलीकॉप्टर मौके पर पहुंच चुके हैं। उधर, नोनी जिला प्रशासन ने हादसे वाले जगह के आस-पास वाले गावों को जल्द से जल्द खाली करने की एडवायजरी जारी की है।

एडवायजरी में कहा गया है कि मलबे की वजह से इजाई नदी की धारा अवरूद्ध हो गई है। जिससे एक ही जगह पर जलभराव के कारण बांधी जैसी स्थिती बन गई है। यदि यह ढहता है तो निचले इलाकों में और तबाही मच सकती है। नॉर्दन फ्रंटियर रेलवे सीपीआरओ ने हादसे पर एक बयान जारी कहा है कि लगातार बारिश होने के कारण बड़े पैमाने पर लैंडस्लाइड से जिरीबाम-इंफाल नई लाइन परियोजना के तुपुल स्टेशन की इमारत को नुकसान पहुंचा है।

बता दें कि बीते कई दिनों से असम, मणिपुर समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के कारण असम के अधिकांश जिले बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। राज्य में बीते 10 दिनों में अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग के आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिसने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है। 

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आपात बैठक बुलाई

इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने स्थिति की बारीकी से निगरानी के लिए एक आपात बैठक बुलाई है। बीरेन सिंह नोनी जिले में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में तलाशी एवं बचाव अभियान की निगरानी के लिए गए थे। दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के साथ राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा, नुंगबा विधायक डिंगांगलुंग गंगमेई भी थे।

दिन के निरीक्षण दौरे से पहले, मुख्यमंत्री ने एक आपात बैठक की भी अध्यक्षता की और तुरंत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को सेना और रेलवे अधिकारियों के साथ निकट समन्वय में जुटाया। बचाव कार्यों में सहायता के लिए अतिरिक्त चिकित्सा दल और एम्बुलेंस भी इंफाल से रवाना हो गए हैं।

मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।

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