New Parliament Building: नए संसद भवन मामले पर हरदीप सिंह पुरी का विपक्ष को जवाब, कहा- इंदिरा गांधी ने किया था ये काम

New Parliament Building: याचिका में तर्क दिया गया कि उन्हें रविवार के कार्यक्रम से बाहर रखना राष्ट्रपति को अपमानित करने के बराबर होगा। याचिका गुरुवार को वकील सीआर जया सुकिन द्वारा दायर की गई थी और शुक्रवार को सुनवाई के लिए अवकाश पीठ के समक्ष इसका उल्लेख किए जाने की संभावना है।

Update: 2023-05-25 17:10 GMT
New Parliament Building (Pic: Social Media)

New Parliament Building: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उन्होंने संविधान के कुछ अनुच्छेद के आधार पर हमें सलाह दे रहे। उस समय भी इंदिरा गांधी ने संसद के उपभवन के उद्घाटन के दौरान ऐसा किया था। आपके पास अपने लिए अलग मानक हैं और दूसरों के लिए अलग। यह देश और किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक बार आने वाला क्षण है। फुटनोट में कहीं लिखा जाएगा कि इन लोगों ने संसद भवन के खुलने के कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।

वकील ने दायर की सुप्रीम कोर्ट में याचिका

नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने के लिए एक वकील ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में तर्क दिया गया कि उन्हें रविवार के कार्यक्रम से बाहर रखना राष्ट्रपति को अपमानित करने के बराबर होगा। याचिका गुरुवार को वकील सीआर जया सुकिन द्वारा दायर की गई थी और शुक्रवार को सुनवाई के लिए अवकाश पीठ के समक्ष इसका उल्लेख किए जाने की संभावना है। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 79 का हवाला दिया गया है जिसके मुताबिक एक संसद होगी जिसमें राष्ट्रपति और दो सदनों राज्यसभा और लोकसभा होगी। वकील की याचिका में कहा गया है, "प्रतिवादियों (लोकसभा सचिवालय और केंद्र सरकार) ने अनुच्छेद 79 का उल्लंघन किया है।"

विपक्षी पार्टियों ने नए भवन के उद्घाटन का किया बहिष्कार

दलील में कहा गया है कि अनुच्छेद यह स्पष्ट करता है कि "राष्ट्रपति संसद का एक अभिन्न अंग है" उन्हें संसद सत्र बुलाने का अधिकार है। उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित न करना संवैधानिक सिद्धांतो के खिलाफ है।' और सवाल किया कि राष्ट्रपति को शिलान्यास और अब उद्घाटन समारोह से दूर क्यों रखा गया। विपक्ष की 19 पार्टियों ने एक संयुक्त बयान जारा करते हुए कहा कि बुधवार को नई संसद का उद्घाटन करने के पीएम मोदी के फैसले को "लोकतंत्र पर हमला" बताया गया और कहा कि वे इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे। देर शाम तक, संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग न लेने वाले राजनीतिक दलों की कुल संख्या 21 हो गई।

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