Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में दलबदल तेज, शरद पवार की पार्टी दिखा रही ताकत

Maharashtra Assembly Election: आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट की उम्मीद कर रहे कई अन्य महायुति नेता भी एनसीपी (शरद) में शामिल हो गए हैं, या इसके पाले में जाने की कोशिश कर रहे हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-09-14 16:01 IST

Maharashtra Assembly Election (Photo: Social Media)

Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में विभिन्न दलों के बीच दलबदल का सिलसिला तेज हो गया है, जिसमें शरद पवार की अगुआई वाली एनसीपी (शरद पवार) अब तक इसकी सबसे बड़ी लाभार्थी बनकर उभरी है। अप्रैल से अब तक भाजपा और अजित पवार की अगुआई वाली एनसीपी के पांच वरिष्ठ नेता एनसीपी (शरद पवार) में शामिल हो चुके हैं। ताजा मामला एनसीपी मंत्री धरमराव आत्राम की बेटी भाग्यश्री आत्राम का है जो शरद पवार की पार्टी में शामिल हो गईं हैं। शरद पवार के साथ आने के बाद भाग्यश्री ने कहा, "मुझे यह पसंद नहीं आया कि मेरे पिता ने पाला बदला और वे जनता को कल्याण का झूठा आश्वासन दे रहे थे।"

अप्रैल से चल रहा दल बदल

एनसीपी (शरद) खेमे में दलबदल अप्रैल में लोकसभा चुनाव से पहले शुरू हुआ था। भाजपा द्वारा टिकट देने से इनकार किए जाने के बाद, पूर्व सांसद विजयसिंह मोहिते पाटिल के भतीजे धर्यशील मोहिते पाटिल एनसीपी (शरद) में शामिल हो गए, जिसने उन्हें माधा निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा। उसी महीने, अहमदनगर जिले के पारनेर निर्वाचन क्षेत्र से एनसीपी विधायक नीलेश लंके ने पार्टी छोड़ दी और एनसीपी (शरद) में शामिल हो गए और उन्हें अहमदनगर सीट से मैदान में उतारा गया। लोकसभा चुनावों में, लंके और पाटिल ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों को हरा भी दिया। एनसीपी (शरद) ने जिन 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था उनमें से आठ पर जीत हासिल की। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) - जिसमें कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं - की कुल संख्या 48 में से 30 सीटें थी। महायुति के सहयोगियों में एनसीपी सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली पार्टी साबित हुई, जिसने भाजपा की नौ और शिंदे सेना की सात सीटों के मुकाबले केवल एक सीट जीती।

जून में लोकसभा चुनावों के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांत पाटिल भाजपा के साथ दस साल के कार्यकाल के बाद एनसीपी (शरद) में वापस आ गए। एक महीने बाद पूर्व राज्य मंत्री और भाजपा नेता माधवराव किन्हालकर, जो पहले भोकर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते थे, पवार की पार्टी में शामिल हो गए। आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट की उम्मीद कर रहे कई अन्य महायुति नेता भी एनसीपी (शरद) में शामिल हो गए हैं, या इसके पाले में जाने की कोशिश कर रहे हैं।

17 जुलाई को, पिंपरी चिंचवाड़ क्षेत्र के एनसीपी प्रमुख अजीत गव्हाने अजीत पवार की एनसीपी को छोड़कर एनसीपी (शरद) में शामिल हो गए, उम्मीद है कि वे भोसरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। 4 सितंबर को कोल्हापुर जिला इकाई के पूर्व भाजपा प्रमुख समरजीत सिंह घाटगे, जिन्हें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कट्टर समर्थक माना जाता था, भाजपा छोड़कर एनसीपी (शरद) में शामिल हो गए। उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में कोल्हापुर जिले की कागल सीट से चुनाव लड़ने की उम्मीद है। पूर्व भाजपा विधायक बापूसाहेब पठारे, जिन्होंने वडगांव शेरी विधानसभा क्षेत्र में अपना जनसंपर्क शुरू कर दिया है, पहले ही दावा कर चुके हैं कि वे एनसीपी (शरद) के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे। हाल ही में जुन्नार से एनसीपी विधायक अतुल बेनके ने एनसीपी (शरद) प्रमुख से मुलाकात की। वे अपने पोस्टरों में शरद पवार की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

एनसीपी (शरद) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि यह सच है कि कई लोग हमारी पार्टी से संपर्क कर रहे हैं, हम अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को उनकी साख की पुष्टि करने के बाद ही शामिल करेंगे। इस तरह के पाला बदल से ये साबित होता है कि महाराष्ट्र की राजनीति के पुरोधा शरद पवार की मजबूती कम नहीं हुई है और आने वाले चुनाव में वह कोई चौंकाने वाला काम कर सकते हैं।

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