LOC पर आतंकियों की लाशें: अब बचे सिर्फ 108 ही, सेना की ताकत देख ISI भी भागा

लाइन ऑफ कंट्रोल(LOC) तक भारतीय सेना आतंकियों की साजिशों को नाकाम करने के लिए चौकन्नी होकर डटी हुई है। जिसके चलते अब आतंकवादियों के हौसले भी पस्त हो गए हैं। ऐसे में आईएसआई(ISI) भी अब इनकी घुसपैठ की कोशिशों में सहायता देने से पीछे हट रहा है।

Update: 2021-03-02 13:16 GMT
लाइन ऑफ कंट्रोल(LOC) तक भारतीय सेना आतंकियों की साजिशों को नाकाम करने के लिए चौकन्नी होकर डटी हुई है। जिसके चलते अब आतंकवादियों के हौसले भी पस्त हो गए हैं। ऐसे में आईएसआई(ISI) भी अब इनकी घुसपैठ की कोशिशों में सहायता देने से पीछे हट रहा है।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में इंटरनेशनल बॉर्डर से लेकर लाइन ऑफ कंट्रोल(LOC) तक भारतीय सेना आतंकियों की साजिशों को नाकाम करने के लिए चौकन्नी होकर डटी हुई है। जिसके चलते अब आतंकवादियों के हौसले भी पस्त हो गए हैं। ऐसे में आईएसआई(ISI) भी अब इनकी घुसपैठ की कोशिशों में सहायता देने से पीछे हट रहा है। और यही कारण है कि अब सीमा पार के आतंकी लॉन्च पैड्स पर केवल 108 आतंकी ही शेष बचे हैं। इस बारे में खुफिया एजेंसियों ने सूत्रों से खुलासा किया है।

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लॉन्च पैड पर केवल 108 आतंकी

लाइन ऑफ कंट्रोल(LOC) पर खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पार रह रहे आतंकी इतने ज्यादा डर गए हैं कि वह भारत में घुसपैठ करने के लिए लॉन्च पैड पर आने से कतरा रहे हैं।

इस बारे में भारतीय सुरक्षाबलों की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लॉन्च पैड पर नए साल में आतंकियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है। लॉन्च पैड पर केवल 108 आतंकी जनवरी के महीने में देखे गए है। वहीं भारतीय खुफिया एजेंसियां लगातार एलओसी पर सर्विलांस कर रही है।

फोटो-सोशल मीडिया

ऐसे में भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता होने से आतंकियों को कवर फायर भी नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में उनके लिए एलओसी (LoC) पार करना बड़ी चुनौती साबित हो रही है।

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सीजफायर समझौता

बता दें, भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता 24 और 25 फरवरी की रात 12 बजे से पूरी लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर लागू हो गया है। जिसके चलते दोनों सेनाओं के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच 22 फरवरी को हॉटलाइन (Hotline) पर हुई बातचीत के बाद ये फैसला हुआ।

ऐसे में दोनों देशों के अधिकारियों ने तय किया कि LoC पर किसी विवाद की स्थिति में हॉटलाइन सहित दूसरे तय तरीकों से ही मामले को सुलझाया जाएगा। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर बीते कई महीनों से चर्चा चल रही थी। लेकिन पाकिस्तान अपनी करतूत से बाज नहीं आ रहा है।

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