बाप रे, इस जगह जमा हुए हजारों प्रवासी मजदूर, लॉकडाउन की जमकर उड़ी धज्जियां
बांद्रा और सूरत के बाद अब दिल्ली में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया है। यहां यमुना नदी के किनारे हजारों की संख्या में दिहाड़ी मजदूर जमा हो चुके हैं। सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
नई दिल्ली: बांद्रा और सूरत के बाद अब दिल्ली में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया है। यहां यमुना नदी के किनारे हजारों की संख्या में दिहाड़ी मजदूर जमा हो चुके हैं। सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
जानकारी आ रही है कि इन्हें दिल्ली के अलग अलग शेल्टर होम ले जाने की कोशिश हो रही है। हालांकि फिलहाल ये साफ नहीं है कि ये सारे प्रवासी मजदूर अपने अपने राज्यों में जाने के लिए यहां इक्ट्ठा हुए हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बिलकुल नहीं हो रहा है।
सूरत में मजदूरों ने किया जोरदार प्रदर्शन
सूरत में सैकड़ों प्रवासी कामगारों ने मंगलवार शाम को फिर से प्रदर्शन किया। कामगार लॉकडाउन के बावजूद अपने मूल निवास स्थल तक भेजने की मांग कर रहे थे। इससे पहले शुक्रवार को भी सूरत में प्रवासी कामगारों ने हिंसक प्रदर्शन किए थे। पुलिस ने कहा कि सूरत शहर के वरच्छा इलाके में प्रवासी कामगार जमा हो गए और मूल निवास स्थान तक वापस भेजे जाने की मांग करते हुए सड़क पर बैठ गए।
वरच्छा सूरत का हीरा पॉलिश हब है और लाखों मजदूरों को रोजगार मुहैया कराता है। इसी इलाके में कई टेक्सटाइल यूनिटें भी हैं। प्रदर्शन कर रहे कामगारों में ज्यादातर ओडिशा, उत्तर प्रदेश और बिहार से थे। प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए स्थानीय विधायक एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री किशोर कनानी भी प्रदर्शन स्थल तक पहुंचे।
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मजदूरों ने की थी खाने की शिकायत
घटनास्थल पर मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'ये प्रवासी कामगार अपने मूल निवास स्थान लौटना चाहते हैं। हमने उनसे लॉकडाउन के कारण धैर्य नहीं खोने के लिए कहा है। उनमें से कुछ ने खाने को लेकर शिकायत की। हमने एक एनजीओ को बुलाया और उनके लिए तुरंत फूड पैकेट खरीदे गए। स्थिति अब नियंत्रण में है।'
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मुंबई के बांद्रा में भी ऐसा ही प्रदर्शन
तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद मंगलवार को प्रवासी कामगार मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन और ठाणे के मुंब्रा इलाके में अचानक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर गृहराज्य भेजे जाने की मांग करने लगे। बांद्रा में जमा करीब 3,000 लोगों की भीड़ को वापस उनके घरों तक भेजने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि ट्रेन चलने का एक मैसेज वायरल होने के कारण बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर जुटने लगे थे। वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि ट्रेनें शुरू होने की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ आदेश जारी किए गए हैं। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद शाम को अपने संबोधन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रवासी कामगारों को आश्वस्त करते हुए कहा, आप अन्य राज्यों से यहां आकर रह रहे हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र सरकार आपकी सारी व्यवस्था करेगी। लॉकडाउन का मतलब लॉकअप नहीं है। लॉकडाउन खत्म होते ही राज्य व केंद्र सरकार आपको आपके घर भेजने की व्यवस्था करेगी।
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