लॉकडाउन से घटी रईस मंदिरों की आय, साईं बाबा ट्रस्ट को तुड़वानी पड़ी एफडी
देश में सबसे अधिक संपत्ति वाले तिरुवनंतपुरम के पद्मनाभस्वामी मंदिर को लॉकडाउन की अवधि के दौरान करीब छह करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मंदिर को औसतन हर महीने करीब तीन करोड़ रुपए की आय होती है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। कोरोना संकट के कारण घोषित लॉकडाउन का देश के बड़े मंदिरों की आय पर काफी बुरा असर पड़ा है। श्रद्धालुओं से भरे रहने वाले मंदिर सूने पड़े हैं।भक्तों का चढ़ावा लगभग बंद हो जाने के कारण विभिन्न मंदिरों को अपनी जमा पूंजी के सहारे ही खर्च चलाना पड़ रहा है। हालत यह हो गई है कि शिरडी के साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए एफडी तक तुड़वानी पड़ गई। वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड कर्मचारियों के वेतन व अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए अब ऑनलाइन दान और प्रसाद के विकल्प पर विचार कर रहा है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर को छह करोड़ का नुकसान
देश में सबसे अधिक संपत्ति वाले तिरुवनंतपुरम के पद्मनाभस्वामी मंदिर को लॉकडाउन की अवधि के दौरान करीब छह करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मंदिर को औसतन हर महीने करीब तीन करोड़ रुपए की आय होती है। मंदिर में ऑनलाइन दान स्वीकार किया जा रहा है मगर ऑनलाइन दान में रोजाना करीब 25 हजार रुपए ही मिल रहे हैं। इससे समझा जा सकता है कि मंदिर की कमाई कितनी घट चुकी है। मंदिर के 307 कर्मचारियों को वेतन के रूप में हर महीने 1.1 करोड़ रुपए दिए जाते हैं। पिछले महीने बैंक में जमा राशि और इस महीने डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज से वेतन बांटा गया है।
शिरडी मंदिर की आय पर काफी बुरा असर
शिरडी के साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट की आय पर भी लॉकडाउन का काफी बुरा असर पड़ा है। श्रद्धालुओं और दानदाताओं के जरिए इस मंदिर को सालाना करीब 700 करोड़ रुपए की आय आय होती है मगर दो महीने की अवधि में महज ढाई करोड़ रुपए का ऑनलाइन डोनेशन मिला है।
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मंदिर के करीब छह हजार कर्मचारियों को पिछले महीने का वेतन देने के लिए एफडी तक तुड़वाने की नौबत आ गई। मंदिर के पास करीब ढाई हजार करोड़ रुपए की एफडी है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी मंदिर की आय पर असर पड़ेगा क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए दर्शनार्थियों की संख्या को घटाकर एक तिहाई करने की तैयारी है।
तिरुपति बालाजी को 400 करोड़ का नुकसान
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर को भी लॉकडाउन से काफी नुकसान हुआ है। इस मंदिर को लॉकडाउन के कारण हर माह करीब 200 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इस तरह पिछले दो महीने के दौरान करीब 400 करोड़ रुपए की आय प्रभावित हुई है। इस मंदिर के रखरखाव का खर्च भी काफी ज्यादा है क्योंकि यहां करीब 22000 कर्मचारी कार्यरत हैं और इनके वेतन, मंदिर रखरखाव व अन्य मदों में करीब 110 करोड रुपए महीने का खर्च आता है। मंदिर प्रशासन अब इन खर्चों को पूरा करने के लिए नए स्रोत तलाशने की तैयारी कर रहा है।
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सिद्धिविनायक मंदिर की आय 90 फ़ीसदी घटी
मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर कि आय भी लॉकडाउन के कारण काफी प्रभावित हुई है। जानकार सूत्रों के मुताबिक पिछले दो महीने के दौरान मंदिर में दान की आवक करीब 90 फ़ीसदी तक घट गई है। इस मंदिर की सालाना आय करीब 410 करोड़ रुपए है।
मंदिर की व्यवस्था को संभालने के लिए करीब 150 कर्मचारी कार्यरत हैं और उनके वेतन व अन्य रखरखाव पर करीब 6 से 7 करोड़ रुपए का हर महीने खर्च आता है। इस मंदिर में बड़े उद्योगपतियों और तमाम फिल्मी सितारों का आना-जाना होता रहता है। लॉकडाउन के कारण मंदिर की कमाई पर पिछले दो महीनों में काफी बुरा असर पड़ा है।
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वैष्णो देवी मंदिर में ऑनलाइन दान लेने की तैयारी
कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की आय पर भी काफी बुरा असर पड़ा है। इस मंदिर की हर महीने की औसतन आय 25 से तीस करोड़ रुपए है। इस तरह लॉकडाउन के दौरान इस मंदिर में करीब 60 करोड़ की आवक घटी है। मंदिर के करीब 3000 कर्मचारियों के वेतन पर करीब 13 करोड़ और रखरखाव के अन्य मदों पर 4-5 करोड़ रुपए का खर्च आता है। अभी तक तो जमा राशि में से यह खर्च पूरे किए जा रहे हैं मगर अब ऑनलाइन दान-प्रसाद के जरिए मंदिर की आय बढ़ाने की तैयारी है।
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