मजदूरों के लिए खुशखबरी: हो रही घर वापसी, फंसे 4500 से अधिक को भेजा गया घर

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन को एक महीने से ज्यादा समय हो गया है। ऐसे में देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए मजदूरों को...

Update: 2020-04-28 13:49 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन को एक महीने से ज्यादा समय हो गया है। ऐसे में देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए मजदूरों को प्रदेश सरकारें लाने की दिशा में सक्रिय हो गई हैं। उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश, पंजाब सहित तमाम राज्य सरकारें बस भेजकर अपने-अपने प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की कोशिश शुरू कर दी है। इस बीच गुजरात के तमाम शहरों में फंसे मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है। गुजरात के सूरत से 150 मजदूरों को बसों द्वारा ओडिशा जाने की इजाजत देने के एक दिन बाद, प्रशासन ने 36 मजदूरों के समूह को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जाने की अनुमति दे दी।

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सोशल डिस्टेंसिंग का रखा गया पूरा ध्यान

श्रम और रोजगार के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी बसें लगाकर पिछले तीन दिनों में लगभग 4500 प्रवासी श्रमिकों को राजस्थान और मध्य प्रदेश में उनके मूल स्थानों पर भेजा है। गुजरात के 158 शिविरों में रह रहे राजस्थान के 2314 मजदूरों को 27 अप्रैल को राज्य परिवहन की 84 बसों में उन्हें उनके घर भेजा गया। बस में चढ़ने से पहले सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया।

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अधिकारी ने बताया कि 25 अप्रैल को मध्य प्रदेश से 2,300 श्रमिकों को राज्य परिवहन की करीब 100 बसों में उन्हें उनके मूल स्थानों पर भेजा गया। गुजरात के विभिन्न जिलों के 898 मजदूरों को भी उनके गृह जिलों या उनके मूल निवास स्थान पर भेज दिया गया है।

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