Election 2019: जानें जंग के माहौल का कितना फायदा उठा पाती है मौजूदा सरकार?

​विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सत्ताधारी पार्टी आम चुनाव में इसका फायदा लेने में लगी हुई है। इसका उदाहरण भी जगह-जगह देखने को मिला जब पूरे भारत में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं के द्वारा होर्डिंग्स लगा देखा गया।

Update: 2019-03-11 13:12 GMT

नई दिल्ली: 26 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भातीय वायुसेना के द्वारा की गई एयर स्ट्राइक पर मौजूदा लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है।

​विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सत्ताधारी पार्टी आम चुनाव में इसका फायदा लेने में लगी हुई है। इसका उदाहरण भी जगह-जगह देखने को मिला जब पूरे भारत में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं के द्वारा होर्डिंग्स लगा देखा गया।

ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है कि क्या इसके पहले भी सेना के द्वारा किए गए साहसिक कार्यों का कभी राजनीतिक पार्टियां इसके पहले भी फायदा ले पाई हैं या नहीं! तो आइये जानते हैं कि क्या किसी पार्टी या गठबंधन को इसका लाभ मिलेगा या नहीं!

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जानिए पांच युद्ध से पहले और बाद की स्थिति

1. 1947 कश्मीर युद्ध: भारत-पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव के समय कांग्रेस सत्ता में थी। उसके पास 364 सीट थी, वहीं इस सैन्य टकराव के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस की सीटें बढ़कर 371 हो गई थीं।

2. 1962 भारत-चीन युद्ध: चीन के साथ हुई इस जंग के समय भी कांग्रेस सरकार में थी और भारत को हार का सामना करना पड़ा था। जंग से पहले 361 सीटें जीतकर कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। युद्ध के बाद हुए चुनाव में उसकी सीटें घटकर 283 रह गई थीं।

3. 1965 भारत-पाक युद्ध: इस जंग से पहले कांग्रेस की झोली में 283 सीटें थीं, जो बाद में बढ़कर 352 हो गईं। भारत ने पाकिस्तान से यह जंग जीती थी।

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4. 1971 भारत-पाक युद्ध: इस युद्ध में भारतीय सेना ने जबरदस्त कायमाबी हासिल की थी और पाकिस्तान से टूटकर बांग्लादेश अलग हो गया था, लेकिन इसके बाद 1975 में लगाई गई इमरजेंसी का नुकसान सत्तारूढ़ कांग्रेस को हुआ। 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की सीटें 352 से घटकर 154 रह गई थीं।

5. 1999 करगिल युद्ध: पाकिस्तान के साथ जब करगिल में हालात बिगड़ तब एनडीए की अटल बिहारी सरकार थी। कांग्रेस की 141 सीटों के मुकाबले 254 सीटें जीतकर एनडीए ने सरकार बनाई थी। इसके बाद हुए 1999 के चुनाव में भाजपा सत्ता में बनी रही। 2004 के चुनाव में जरूर कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए ने 335 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की।

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