लोकसभा चुनाव : भाजपा ने लगाई ममता बनजी के गढ़ में सेंध

Update:2019-05-14 15:42 IST
लोकसभा चुनाव : भाजपा ने लगाई ममता बनजी के गढ़ में सेंध

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में राज्य की सत्तारूढ़ टीएमसी और इसकी संस्थापक ममता बनर्जी के लिए कड़ी परीक्षा और अस्तित्व की लड़ाई का समय है। इस चरण में राज्य की उन लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, जहां से टीएमसी का उदय हुआ है, उसकी सुप्रीमो ममता बनर्जी का गृह क्षेत्र और राजनीतिक कर्म क्षेत्र है। टीएमसी को उसी के गढ़ में धराशाई करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। दक्षिण बंगाल के कोलकाता और उसके उपनगरीय इलाकों में पडऩे वाली इस चरण की सीटों पर सबसे कड़ा मुकाबला होगा। इसी इलाके से ममता बनर्जी की पार्टी ने शुरुआत करके कस्बाई और ग्रामीण बंगाल में अपना कब्जा जमाया था। इस चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें डायमंड हार्बर, कोलकाता साउथ, कोलकाता नॉर्थ, जादवपुर, बसीरहाट, दमदम, बारसात, जयनगर और मथुरापुर शामिल हैं।

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सातवें चरण में भारतीय जनता पार्टी की इस बात के लिए परीक्षा होगी कि वह शहरी और कस्बाई मतदाताओं के बीच अपनी कितनी पकड़ बना पाई है। भाजपा ने बंगाल में अपने पैर जमाने के लिए बीते कई वर्षों से बहुत मेहनत की है। अब इस मेहनत का नतीजा आना बाकी है। इस चरण की सबसे महत्वपूर्ण सीट जादवपुर और साउथ कोलकाता हैं। यह ममता बनर्जी का गृहक्षेत्र है और यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 1984 में युवा नेता ममता बनर्जी ने उस समय सीपीएम के दिग्गज नेता रहे सोमनाथ चटर्जी को हराया था और इसी जीत के बाद वह पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आयीं थीं। इसके बाद उन्होंने खुद को साउथ कोलकाता शिफ्ट कर लिया। ममता साउथ कोलकाता से छह बार सांसद रहीं। 1998 में उन्होंने साउथ कोलकाता से टीएमसी की शुरुआत की थी। इसके बाद से टीएमसी इस सीट को करीब 50 फीसदी वोटों से जीतती रही है। हालांकि 2014 में मोदी लहर में उसका वोट शेयर कम हो गया था। पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी तथागत रॉय ने ममता बनर्जी के क्षेत्र भवानीपुर से बढ़त हासिल कर ली थी। इसके अलावा कोलकाता की डायमंड हार्बर सीट पर भी सबकी नजरें रहेंगी। यहां से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी चुनाव लड़ रहे हैं।

इस चरण की प्रमुख सीटें

दमदम (उत्तरी चौबीस परगना) : मुख्य मुकाबला टीएमसी के सांसद सौगत रॉय, भाजपा के सामिक भट्टाचार्य, कांग्रेस के सौरव साहा व सीपीएम के नेपालदेब भट्टाचार्य के बीच है।

बारसात (कोलकाता से सटी हुई सीट) : 2009 से तृणमूल का इस सीट पर कब्जा है। यहां मुख्य मुकाबला टीएमसी की डॉ. काकोली, भाजपा के डॉ. मृणाल कांति देबनाथ और कांग्रेस के सुब्रता दास के बीच है।

बशीरहाट (उत्तर 24 परगना) : इस सीट पर मुख्य प्रत्याशी टीएमसी के नुरसत जहां रुही, भाजपा के श्रीशायंतन बसु और कांग्रेस के काजी अब्दुर रहीम हैं।

जयनगर (दक्षिण 24 परगना) : यहां मुख्य मुकाबला टीएमसी के प्रतिमा मंडल, कांग्रेस के तपन मंडल और भाजपा के डॉ. अशोक कंडारी में है।

मथुरापुर : इस सीट पर मुख्य मुकाबला टीएमसी के चौधरी मोहन जटुआ, सीपीएम के डॉ. शरत चंद्र हलधर और भाजपा के श्यामा प्रसाद हलधर के बीच है।

111 उम्मीदवारों में 23 के खिलाफ आपराधिक मामले

बंगाल में अंतिम व सातवें चरण में कुल 111 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 23 यानी लगभग 21 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। वहीं, 17 उम्मीदवारों (15 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। सातवें चरण में तृणमूल कांग्रेस के नौ उम्मीदवार मैदान में हैं और इनमें सभी उम्मीदवार करोड़पति हैं। कांग्रेस के टिकट पर कोलकाता दक्षिण से चुनाव लड़ रही मीता चक्रवर्ती सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, जिन्होंने अपनी कुल संपत्ति 44.75 करोड़ रुपए की बताई है। दूसरे स्थान पर जादवपुर से माकपा के उम्मीदवार विकास रंजन भट्टाचार्य हैं, जिन्होंने अपनी कुल संपत्ति 12 करोड़ रुपए घोषित की है। तीसरे स्थान पर कोलकाता उत्तर से कांग्रेस उम्मीदवार सईद शाहिद इमाम का नाम है, जिन्होंने 7.56 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की है। सबसे गरीब उम्मीदवारों की बात करें तो इस सूची में सबसे ऊपर हैं बारासात से निर्दलीय उम्मीदवार मृणाल कांति भट्टाचार्य, जिन्होंने अपनी कुल संपत्ति मात्र 35,929 रुपए बतायी है। दूसरे स्थान पर दमदम सीट से न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार सुबीर दास का नाम है। इन्होंने अपनी संपत्ति 41,200 रुपए बतायी है। तीसरे स्थान पर बशीरहाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार सुभाशीष कुमार भौमिक हैं, जिन्होंने 47,200 रुपए की संपत्ति की घोषणा की है।

 

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