मानसून सत्र की शुरुआत: होगा इतना ऐतिहासिक, स्पीकर ने तैयारियों का लिया जायजा

संसद में कल से शुरू होने वाले मानसून सत्र की तैयारियों का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जायजा लिया। उन्होंने संसद परिसर में एंट्री अन्य व्यवस्था की जानकारी ली।

Update:2020-09-13 19:08 IST

नई दिल्ली: मानसून सत्र सोमवार यानी कल से शरू होने जा रहा है। कोरोना संकट के बीच संसद में मानसून सत्र को सुरक्षित संचालित करने को लेकर तैयारियां जारी हैं। इसी कड़ी में रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला संसद भवन पहुंचे। उन्होंने मानसून सत्र को लेकर संसद भवन परिसर में की गयी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।

कल से संसद में मानसून सत्र की शरुआत

संसद में कल से शुरू होने वाले मानसून सत्र की तैयारियों का जायजा लेने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहुंचे। उन्होंने संसद परिसर में सांसदों की एंट्री, बैठने की व्यवस्था, स्क्रीन समेत, सोशल डिस्टेसिंग कैसे फॉलो की जाएगी, आदि सभी व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी ली।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लिया तैयारियों का जायजा

इस दौरान स्पीकर ने सदन के सदस्यों की तारीफ़ करते हुए कहा कि संकट के समय भी अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने का संकल्प लिया है। मुझे आशा है कि इन प्रयासरत समयों में, सभी सदस्य उपस्थित रहेंगे और फलदायक चर्चाओं में शामिल होंगे। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस बार का मानसून सत्र ऐतिहासिक होगा। उन्होंने बताया कि इस बार कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संसद की कार्यवाही को यथासंभव डिजिटल बनाने का प्रयास किया जाएगा।

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14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मानसून सत्र

संसद के मानसून सत्र का आयोजन 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक किया जाएगा। कोविड-19 महामारी के चलते अभी से कई बड़े कदम उठाये गए ताकि सत्र के दौरान कोरोना फैलने का जोखिम न रहे। इसके तरह सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

सदन में बैठने के लिए दोनों गैलरियां और और दीर्घाओं का इस्तेमाल

लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के बैठने के लिए दोनों ही गैलरियों का उपयोग किया जायेगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सदस्यों को दोनों के कक्षों और दीर्घाओं में बैठाया जायेगा।

संसद के इतिहास में पहली बार होगा ऐसा

बता दें कि भारतीय संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब इस तरह से बैठने की व्यवस्था की जायेगा।पहली बार होगा जब दीर्घाओं में बैठने की व्यवस्था, पराबैंगनी कीटाणुनाशक विकिरण, दोनों सदनों के बीच पॉली कार्बोनेट विभाजक का प्रयोग और विशेष केबलों, बड़े डिस्प्ले स्क्रीन का प्रयोग किया जायेगा। हालाँकि 1952 से पहले सदन में ये व्यवस्था चलती थी।

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अब सदन में 60 सदस्यों, राज्यसभा की दीर्घाओं में 51 सदस्यों और अन्य शेष 132 सदस्यों के लोकसभा के कक्ष में बैठने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा लोकसभा सचिवालय ने भी बैठने की समान व्यवस्था की है।

मानसून सत्र में कागजी प्रति पर रोक

इसके अलावा एलान किया गया कि संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान सांसदों को अध्यादेशों की कोई कागजी प्रति नहीं की जाएगी। वहीं काहजों की जगह उन्हें डिजिटल प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी वजह ये हैं कि भौतिक रूप से कागजों के प्रबंधन से संक्रमण हो सकता है।

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