शिव तेरे राज में थम नहीं रही किसानों की आत्महत्या, पुलिस भी करने लगी खेल

Update:2017-06-18 19:40 IST

भोपाल : मध्यप्रदेश में एक और किसान ने कर्ज से परेशान होकर रविवार को फांसी के फंदे से लटकर आत्महत्या कर ली। यह मामला नीमच जिले का है। राज्य में सात दिनों में 11 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। पुलिस के अनुसार, सिटी नीमच थाना क्षेत्र के पिपल्या व्यास गांव में रविवार की दोपहर बुजुर्ग किसान प्यारेलाल ओढ़ (65) ने अपने ही खेत में लगे पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक, प्यारेलाल पर एक बैंक का दो लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज था।

थाना प्रभारी हितेश पाटिल ने कहा, "प्यारेलाल किसान था और उसने फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या की है। कोई भी किसान आत्महत्या करता है तो यही कहा जाता है कि उस पर कर्ज था। गांव का निवासी है, इसलिए उसे किसान भी माना जाएगा।"

राज्य में सोमवार से रविवार तक (सात दिनों में) 11 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। किसानों की आत्महत्या को अब पुलिस भी दबाने में जुट गई है। सीहोर जिले के लाचौर में मुकेश यादव ने खुदकुशी की थी। पुलिस ने खुदकुशी की वजह पेट की बीमारी और पारिवारिक तनाव बताई थी। इतना ही नहीं, मुकेश के परिजनों पर पुलिस ने दवाब बनाया था कि वह मीडिया को यह नहीं बताए कि मुकेश ने कर्ज के चलते आत्महत्या की है, क्योंकि यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है।

सोशल मीडिया पर मुकेश के परिवार के एक सदस्य का एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें पुलिस के दवाब की बात कही गई है।

राज्य में एक जून से 10 जून तक किसान आंदोलन चला था। इसी दौरान 6 जून को मंदसौर में पुलिस की गोलीबारी में छह किसान मारे गए। इस गोलीकांड से भड़के किसानों का गुस्सा शांत करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे, लेकिन उन्होंने 28 घंटे में ही उपवास खत्म कर दिया। कहा गया कि उन्होंने गोलीकांड में मारे गए एक किसान के पिता के आग्रह पर उपवास तोड़ा है। बाद में मृत किसान के पिता ने मीडिया से कहा कि वह खुद नहीं आया, बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता उसे मुख्यमंत्री से मिलवाने की बात कहकर शिवराज के उपवास वाले मंच पर ले आए।

विपक्षी कांग्रेस ने मृत किसान के पिता को जबरन मुख्यमंत्री के उपवास मंच पर लाए जाने का मुद्दा उठाकर 'शिवराज के उपवास' का उपहास उड़ाया। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य नेताओं ने गोलीकांड के खिलाफ 72 घंटे का सत्याग्रह किया।

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