High Court Decision: टीनेजर्स का आलिंगन और चुम्बन अपराध नहीं : मद्रास हाई कोर्ट

High Court Decision: पीठ ने अपने आदेश में कहा, "भले ही आरोपों को वैसे ही लिया जाए, लेकिन किशोरावस्था में दो व्यक्तियों के लिए, जो प्रेम संबंध में हैं, एक-दूसरे को गले लगाना या चूमना बिल्कुल स्वाभाविक है।

Report :  Network
Update:2024-11-15 14:10 IST

 Madras high court Decision (Photo- Social Media)

High Court Decision: मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि टीनेजर जोड़ों के बीच आलिंगन करना और किसिंग करना बिल्कुल स्वाभाविक है और यह आईपीसी की धारा 354-ए (1) (आई) (शारीरिक संपर्क और अवांछित और स्पष्ट यौन प्रस्ताव) के तहत अपराध नहीं बनता है। मद्रास उच्च न्यायालय ने एक 21 वर्षीय युवक के खिलाफ मामला खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिस पर अपनी 19 वर्षीय प्रेमिका को गले लगाने और चूमने का आरोप है। नवंबर 2022 में एक रात दोनों की मुलाकात हुई थी।

क्या कहा कोर्ट ने?

अपने फैसले में, न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने कहा कि आईपीसी की धारा 354-ए (1) (आई) के तहत आरोप लगाने के लिए, एक व्यक्ति को शारीरिक संपर्क में शामिल होना चाहिए और अवांछित और स्पष्ट यौन प्रस्ताव देना चाहिए। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, एकल न्यायाधीश की पीठ ने अपने आदेश में कहा, "भले ही आरोपों को वैसे ही लिया जाए, लेकिन किशोरावस्था में दो व्यक्तियों के लिए, जो प्रेम संबंध में हैं, एक-दूसरे को गले लगाना या चूमना बिल्कुल स्वाभाविक है। किसी भी तरह से, यह आईपीसी की धारा 354-ए (1) (आई) के तहत अपराध नहीं बन सकता है।" अदालत ने ये देखते हुए कि युवक के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रखने से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा, उसके खिलाफ मामला खारिज कर दिया।

क्या हुआ था?

अदालत 21 वर्षीय एक लड़के की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि यह जोड़ा 2020 से रिलेशनशिप में था। 13 नवंबर, 2022 को वे मिले और रात 9 बजे से आधी रात तक बातें कीं, इस दौरान लड़का उसे गले लगाता रहा और चूमता रहा। लड़की ने अपने माता-पिता को लड़के के साथ अपने रिश्ते के बारे में बताया और लड़के से शादी करने के लिए कहा। हालांकि, बाद में लड़के ने रिश्ते से इनकार कर दिया और उसे अनदेखा करना शुरू कर दिया, जिसके कारण लड़के के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। अदालत ने पाया कि युवा जोड़े का प्रेम संबंध था और उनका एक-दूसरे को गले लगाना और चूमना पूरी तरह से स्वाभाविक था - इस प्रकार लड़के के खिलाफ मामला खारिज कर दिया गया।

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