Mahadev Betting App Case: महादेव ऐप के मालिक ने वीडियो जारी कर किया बड़ा खुलासा, सीएम बघेल ने खारिज किए सभी आरोप
Mahadev Betting App Case:महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले ने इन दिनों राज्य की सियासत में भूचाल ला रखा है। इसके मालिक ने दुबई से एक वीडियो जारी किया है, जिसमें कई अहम खुलासे हैं।
Mahadev Betting App Case: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। राज्य में पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार का शोर थम चुका है। कल यानी मंगलवार सात नवंबर को पहले दौर की वोटिंह होनी है, उससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं। महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले ने इन दिनों राज्य की सियासत में भूचाल ला रखा है। इसके मालिक ने दुबई से एक वीडियो जारी किया है, जिसमें कई अहम खुलासे हैं।
महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी द्वारा वांछित शुभम सोनी ने खुद को इस ऐप का मालिक बताया है। दुबई से जारी वीडियो में उसने बताया कि यह कंपनी उसने 2021 में खड़ी की थी और जुआ उसका बिजनेस था। उसने दावा किया कि जब भारत में उसके करीबी लोगों पर शिकंजा कसने लगा तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद उसे यूएई भाग जाने के लिए कहा था। छत्तीसगढ़ सीएम ने सोनी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया है।
Mahadev App Scam: महादेव ऐप वालों ने दिए सीएम बघेल को 508 करोड़! ईडी का सनसनीखेज खुलासा
मुख्यमंत्री की सलाह पर गया दुबई
शुभम सोनी ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल से उसकी मुलाकात वर्मा नामक शख्स ने कराई थी। जिसे वह सुरक्षा के लिए प्रति माह 10 लाख रूपये दिया करता था। सोनी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उनकी सलाह पर वह अपना कारोबार बढ़ाने के लिए दुबई चला गया। वहां उसकी मुलाकात भिलाई के दो शख्स सौरभ और रवि (दोनों को ईडी ने आरोपी बनाया है) से हुई।
बकौल सोनी सब सही रहा कुछ दिन लेकिन फिर बघेल ने अपना रूख बदल लिया। उनके लोगों की फिर से गिरफ्तारी होने लगी। जब उन्होंने इसकी शिकायत वर्मा से की तो उसने भिलाई आने को कहा। भिलाई में उसने फोन पर भूपेश बघेल से बात कराई। उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हें अपना कारोबार देखने के लिए दुबई भेजा था और तुम मालिक ही बन गए।
सीएम बघेल ने खारिज किए सभी आरोप
शुभम सोनी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायपल हो रहा है। वीडियो में किए गए दावों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। हालांकि, उन्होंने एक्स पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखकर सभी आरोपों को खारिज किया था। साथ ही उन्होंने इसके मीडिया कवरेज पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव से ऐन पहले बीजेपी द्वारा जानबूझकर किसी अनजान शख्स से उनके खिलाफ यह वीडियो जारी करवाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ की जनता सब जान-समझ रही है. वह भाजपा और उसकी सहयोगी ईडी को चुनाव में करारा जवाब देगी।
‘मुझे बदनाम करने के लिए हो रहा ईडी का इस्तेमाल’
सीएम बघेल ने केंद्रीय जांच एजेंसी के दुरूपयोग को लेकर एकबार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, यह कोई रहस्य नहीं है कि ये वीडियो क्यों आया है और कैसे आया है और यह भी समझना कठिन नहीं है कि ऐन चुनाव के वक़्त ऐसा बयान भाजपा को फ़ायदा पहुंचाने के लिए ही जारी किया गया है। यह भी हर कोई समझ रहा है कि ईडी को हथियार बनाकर ही ऐसा किया जा रहा है. दरअसल भाजपा अब ईडी के सहारे ही चुनाव लड़ रही है और मुझे बदनाम करने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रही है।
Mahadev App Scam: महादेव एप का क्या है फर्जीवाड़ा, घोटाले में कैसे आया सीएम भूपेश बघेल का नाम?
शुभम सोनी को नहीं जानता – बघेल
छत्तीसगढ़ सीएम ने शुभम सोनी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि मैं इस व्यक्ति को नहीं जानता और न मैं कभी इससे उस तरह मिला हूं, जैसा कि वह दावा कर रहा है। वह किसी सभा समारोह का हिस्सा रहा हो तो मैं नहीं कह सकता। दूसरी बात यह है कि यह व्यक्ति दावा कर रहा है कि वह ‘महादेव ऐप’ का मालिक है। आश्चर्य की बात है कि यह बात महीनों से इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ईडी को भी अभी तक पता नहीं थी और दो दिन पहले तक ईडी उसे मैनेजर बता रही थी।
Mahadev App Blocked: महादेव ऐप समेत 22 अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्म ब्लॉक किये गए
मीडिया कवरेज को लेकर जताई नाराजगी
भूपेश बघेल ने शुभम सोनी के मामले की मीडिया कवरेज को लेकर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, मुझे आश्चर्य है कि एक अनजान व्यक्ति के बयान को सभी ज़िम्मेदार टीवी चैनल किस आधार पर चला रहे हैं? सिर्फ़ इस आधार पर कि इसमें मेरा नाम है? क्या यह मानहानि का मामला नहीं है?
ईडी ने किया था बड़ा खुलासा
पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में पहली बार सीएम भूपेश बघेल का सीधा जिक्र किया था। ईडी के मुताबिक, उसने एक 'कैश कूरियर' के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि महादेव ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को लगभग 508 करोड़ रूपये का भुगतान किया था। हालांकि, ये जांच का विषय है।