पहले ही हो गई थी अनहोनी की आशंका, प्रयागराज कमिश्नर के आगाह के बाद भी क्यों हो गया बड़ा हादसा

Mahakumbh Stampede: मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत वीडियो में कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, कृपया सोइए मत, स्नान करिए क्योंकि भीड़ अधिक होने के कारण भगदड़ मचने की संभावना है।;

Update:2025-01-29 15:28 IST

Mahakumbh Stampede Vijay Vishwas Pant viral video

Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या के अवसर पर भारी भगदड़ की वजह से बड़ा हादसा हो गया। हालांकि इसकी आशंका प्रशासन को पहले ही हो गई थी। प्रयागराज मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत का एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें वो श्रद्धालुओं से जागते रहने की अपील कर रहे हैं।

मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत का एक 40 सेकंड का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वो कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, कृपया सोइए मत, स्नान करिए क्योंकि भीड़ अधिक होने के कारण भगदड़ मचने की संभावना है। सभी श्रद्धालुओं से निवेदन है कि सोते न रहिए। उठिए स्नान करिए। आप पहले आ गए हैं। अमृत को ग्रहण करिए और आगे बढ़ चलिए। अभी स्नान के लिए बहुत लोग आएंगे। ऐसे में भगदड़ मच सकती है। जो सोवत है वो खोवत है। आपके सुरक्षित रहने के लिए आपका जगते रहना बेहद जरूरी है। इसलिए उठें! उठें! उठें!

महाकुंभ हादसे पर उठा सवाल

हालांकि इसके साथ ही सवाल उठता है कि अगर प्रशासन को पहले ही अनहाेनी की आशंका थी तो टीम सर्तक क्यों नहीं थी। जाहिर सी बात है कि अगर प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाई होती तो शायद इस तरह की घटना सामने न आती। इस हादसे में कई लोगों के मरने की खबर सामने आ रही है। हालांकि सही आंकड़ो की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। वहीं इस घटना के बाद प्रशासन का AI सिस्टम पर आधारित क्राउड मैनेजमेंट भी फेल साबित हो रहा है।

प्रयागराज कमिश्नर का वायरल वीडियो

कब और कैसे हुआ हादसा

बताया जा रहा है कि महाकुंभ के दूसरे और सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन पहली बार भगदड़ देर रात 1.30 बजे के आसपास हुई। उस समय 100 मीटर में श्रद्धालु संगम नोज पर सो रहे थे। सो रहे लोगों के दोनों किनारों से भीड़ संगम नोज पर स्नान के लिए जा रही थी। भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा था। वहां सो रहे लोग पुलिस के बार-बार एनाउंस करने के बाद भी उठ नहीं रहे थे।

अचानक भीड़ का दबाव बढ़ा

इस बीच अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया और श्रद्धालु सोते हुए लोगों के ऊपर गिरना शुरू हो गए। जान बचाने को सो रही भीड़ उठकर भागने की कोशिश करने लगी। तभी एक के ऊपर एक लोग गिरते चले गए। अपने बैग पर सिर नीचे रखकर सो रहे लोगों के ऊपर से भीड़ निकलती चली गई। लोग जैसे सो रहे थे, सोते ही रहे। उनके ऊपर भी गिरे लोगों को भीड़ कुचलती चली गई।

10 मिनट में कुछ दिखा मंजर

अपनी जान बचाने के लिए जिसको जहां जगह मिली वहीं भाग पड़ा। नीचे कौन दब रहा है, किसकी जान जा रही है, इसकी को परवाह नहीं कर रह था। भीड़ बेकाबू हो गई। 10 मिनट में गंगा की रेती में भयावह मंजर दिखा। वहां लोगों के कपड़े, बैग, कंबल, जूते, मोबाइल और सारा सामान सब बिखरे पड़े मिले।

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