Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में किसका खेल बिगाड़ रहे ओवैसी, कम सीटों पर चुनाव लड़कर भी पाल रखा है बड़ा सपना

Maharashtra Election 2024: ओवैसी को उम्मीद है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में उनका दल अच्छा प्रदर्शन करेगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-11-13 12:32 IST

Asaduddin Owaisi   (photo: social media )

Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की बाजी जीतने के लिए दोनों खेमों ने पूरी दी ताकत लगा रखी है। 20 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले राज्य में चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच चुका है। सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) के बीच इस बार कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।

इस बीच राज्य में चुनाव लड़ रहे छोटे दलों पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य की 16 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत हासिल करने वाली ओवैसी ने इस बार किंगमेकर बनने का सपना पाल रखा है। ओवैसी को उम्मीद है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में उनका दल अच्छा प्रदर्शन करेगा। जानकारों का कहना है की कड़े मुकाबले के बीच ओवैसी कई सीटों पर एमवीए प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ सकते हैं।

इस बार कम सीटों पर लड़ रही ओवैसी की पार्टी

वैसे इस बार ओवैसी की पार्टी पिछले दो चुनावों की अपेक्षा कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2014 में ओवैसी ने 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था मगर 2019 में उन्होंने दुगनी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। 2019 में ओवैसी की पार्टी के 44 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में उतरे थे। उल्लेखनीय बात यह है कि 2014 और 2019 दोनों विधानसभा चुनावों में ओवैसी की पार्टी को दो-दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

इस बार पार्टी ने पिछले दो चुनावों की अपेक्षा कम सीटों पर अपने प्रत्याशी लड़ाए हैं। इस बार पार्टी की ओर से 16 प्रत्याशी खड़े किए गए हैं जिनमें 12 मुस्लिम और चार दलित प्रत्याशी हैं। ओवैसी को भरोसा है कि उन्हें मुस्लिम बिरादरी के अलावा दलित और ओबीसी वर्ग से जुड़े हुए लोगों का भी समर्थन हासिल होगा।

इन सीटों पर उतार रखे हैं अपने उम्मीदवार

यह जानना भी जरूरी है कि ओवैसी की ओर से महाराष्ट्र की किन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे गए हैं। इस बार एआईएमआईएम की ओर से औरंगाबाद मध्य, औरंगाबाद पूर्व, मुंब्रा-कलवा (ठाणे), मालेगांव मध्य, धुले, सोलापुर, नांदेड दक्षिण, करंजा, नागपुर उत्तर, मानखुर्द शिवाजी नगर, भिवंडी पश्चिम, भायखला, कुर्ला, वर्सोवा (मुंबई), मुर्तिजापुर (अकोला) और मिरज (सांगली) सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे गए हैं। 2019 में पार्टी ने मालेगांव मध्य और धुले विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी।

एमवीए का खेल बिगाड़ सकते हैं ओवैसी

यदि 2019 के विधानसभा चुनाव को देखा जाए तो ओवैसी ने करीब दर्जन भर सीटों पर कांग्रेस और एनसीपी का खेल बिगाड़ा था। ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में ओवैसी किसका खेल बिगाड़ेंगे। इस बार भी ओवैसी ने उन सीटों पर ज्यादा उम्मीदवार खड़े किए हैं जिन्हें महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के उद्धव गुट के प्रभाव वाला इलाका माना जाता रहा है।

इन सीटों पर तीनों दलों का महायुति में शामिल दलों भाजपा, शिवसेना के शिंदे गुट और एनसीपी के अजित पवार गुट के साथ सीधा मुकाबला हो रहा है। ओवैसी की ओर से प्रत्याशी खड़े किए जाने से महाविकास अघाड़ी गठबंधन के नेताओं के चेहरों पर चिंता की लकीरें दिख रही है क्योंकि उन्हें ओवैसी की ओर से मुस्लिम मतों के नुकसान पहुंचाने का डर सता रहा है।

उलेमा बोर्ड के पत्र से गरमाई सियासत

इस बीच उलेमा बोर्ड की ओर से लिखे गए पत्र के कारण सूबे की सियासत गरमाई हुई है। उलेमा बोर्ड की ओर से एमवीए को समर्थन देने की बात कही गई है मगर इसके साथ ही 17 शर्तें भी लगाई गई हैं। उलेमा बोर्ड का कहना है कि जीत की स्थिति में एमवीए को इन शर्तों को पूरा करना चाहिए। उलेमा बोर्ड की ओर से पत्र जारी किए जाने के बाद ओवैसी को मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी का डर सताने लगा है।

यही कारण है कि ओवैसी ने तीखे भाषण देने वाले अपने भाई अकबरुद्दीन ओवैसी को महाराष्ट्र के सियासी रण में उतार दिया है। अकबरुद्दीन को तीखे भाषण देने के लिए जाना जाता रहा है और अतीत में कई बार उनके भाषणों को लेकर विवाद भी पैदा हो चुका है।

सियासी जानकारों का कहना है कि अकबरुद्दीन को उतार कर ओवैसी ने मुस्लिम वोट बैंक में बिखराव रोकने का प्लान तैयार किया है। वे खुद महाराष्ट्र में भाजपा के दिग्गज नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर तीखा का हमला करने में जुटे हुए हैं। उनका मानना है कि इससे उनका मुस्लिम वोट बैंक का और मजबूत होगा।

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