Maharashtra Election 2024: मुंबई में BJP और शिंदे सेना के लिए मुसीबत बने राज ठाकरे, 25 सीटों पर वोटों के बंटवारे का खतरा

Maharashtra Election 2024: गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत न बन पाने के बाद मनसे ने मुंबई की विधानसभा सीटों पर भाजपा और शिंदे गुट के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-11-04 11:08 IST

Raj Thackeray  (photo: social media ) 

Maharashtra Election 2024: दीपावली का त्योहार बीतने के बाद महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार ने तेजी पकड़ ली है। सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) के बीच हो रहे सीधे मुकाबले में दोनों खेमों ने पूरी ताकत लगा रखी है। महाराष्ट्र के चुनाव में आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि आज नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है। दोनों खेमों की ओर से काफी संख्या में उतरे बागी प्रत्याशियों को मनाने में पार्टी नेताओं को अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी है।

वैसे दोनों खेमों के बीच हो रहे कड़े मुकाबले में मुंबई की 36 विधानसभा सीटें काफी अहम हो गई हैं। इनमें से 25 सीटों पर राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं। मनसे उम्मीदवारों की वजह से भाजपा और शिवसेना के शिंदे गुट के सामने बड़ी मुसीबत पैदा हो गई है। इन 25 सीटों पर वोटो का बंटवारा दोनों पार्टियों के लिए बड़ा खतरा पैदा करने वाला साबित हो सकता है।

लोकसभा चुनाव में समर्थन अब बिखराव

कुछ महीने पूर्व हुए लोकसभा चुनाव के दौरान मनसे की ओर से कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा गया था। पार्टी ने एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन देने का ऐलान किया था। विधानसभा चुनाव के दौरान मनसे के साथ गठबंधन की चर्चा भी थी मगर ऐसा नहीं हो सका। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मनसे के साथ गठबंधन के पक्षधर थे मगर इसमें कामयाबी नहीं मिल सकी। हालांकि इसके बावजूद भाजपा की ओर से माहिम विधानसभा सीट पर राज ठाकरे के बेटे को समर्थन देने की बात कही गई है। वैसे इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के सहयोगी दल शिंदे गुट की ओर से अपना प्रत्याशी भी उतारा गया है।

मुंबई की 25 सीटों पर मनसे प्रत्याशी बने मुसीबत

जानकार सूत्रों का कहना है कि गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत न बन पाने के बाद मनसे ने मुंबई की विधानसभा सीटों पर भाजपा और शिंदे गुट के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं। मुंबई में विधानसभा की 36 सीटें हैं। मुंबई में भाजपा 17 और शिंदे गुट 16 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। मुंबई की 25 सीटों पर मनसे ने अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। इनमें से भाजपा के खिलाफ 12 और शिवसेना के शिंदे गुट के खिलाफ 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे गए हैं।

मुंबई की सेवरी विधानसभा सीट पर महायुति की ओर से कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा गया है। सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन से इस सीट पर मनसे प्रत्याशी बाला नंदगांवकर एकमात्र दावेदार हैं। इसके अलावा मनसे की ओर से मुंबई में एक प्रत्याशी आरपीआई और एक प्रत्याशी एनसीपी के अजित पवार गुट के खिलाफ उतारा गया है।

सात सीटों पर मनसे ने नहीं उतारे प्रत्याशी

वैसे यह भी सच्चाई है कि मनसे की ओर से मुंबई में सात विधानसभा सीटों पर भाजपा के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारे गए हैं। इनमें विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की कोलाबा और मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार की बांद्रा पश्चिम विधानसभा सीट भी शामिल है। मनसे ने मुंबई की माहिम और वर्ली विधानसभा सीट पर मुकाबले को काफी दिलचस्प बना दिया है।

माहिम में मनसे मुखिया राज ठाकरे ने अपने बेटे अमित ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारा है। अमित ठाकरे को शिंदे गुट और उद्धव सेना की ओर से कड़ी चुनौती मिल रही है। वर्ली में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं जिनके खिलाफ शिंदे गुट ने राज्यसभा सदस्य मिलिंद देवड़ा को चुनाव मैदान में उतार दिया है। इस सीट पर भी मनसे प्रत्याशी मुश्किलें पैदा करने वाला साबित हो रहा है।

वोट बंटवारे से हो सकता है बड़ा नुकसान

मनसे की ओर से मुंबई की 25 सीटों पर चुनाव लड़ने के कारण सत्तारूढ़ गठबंधन की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान मनसे की ओर से सत्तारूढ़ गठबंधन को समर्थन दिया गया था मगर विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी का बदला रुख महायुति की मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित हो रहा है। मनसे उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने से मराठी मतदाताओं के वोट बंटने का बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

भाजपा इस खतरों को पहले ही समझ रही थी। इसलिए पार्टी की ओर से मनसे को भी गठबंधन में शामिल करने की कोशिश की जा रही थी मगर सीटों को लेकर तालमेल नहीं बैठ सका। अब चुनाव नतीजे से यह पता लग सकेगा की मनसे उम्मीदवार सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए कितना बड़ा खतरा बनेंगे।

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