महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में फॉर्मूला तैयार, तीन दलों के बीच इस तरह हो सकता है सीटों का बंटवारा

Maharashtra: सीट बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा के लिए सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-10-04 09:27 IST

Maharashtra Assembly Election   (photo: social media )

Maharashtra: महाराष्ट्र में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटा हुआ है। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल तीनों दलों भाजपा, शिवसेना के शिंदे गुट और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने राज्य में सीट शेयरिंग के फॉर्मूला तैयार कर लिया है। हालांकि कुछ सीटों को लेकर अभी भी चर्चा का दौर जारी है।

तीनों दलों के नेताओं के बीच हुई चर्चा के अनुसार भाजपा सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। महाराष्ट्र में 10 अक्टूबर को चुनाव की तारीखों का ऐलान किए जाने की संभावना है और जानकारों का कहना है कि इसी के आसपास सत्तारूढ़ खेमे की ओर से सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी जाएगी।

सीट शेयरिंग का आखिर क्या होगा फार्मूला

सीट बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा के लिए सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इस बातचीत के दौरान महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों की हर सीट को लेकर चर्चा की गई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि सीट शेयरिंग के लिए तैयार किए गए फॉर्मूले के अनुसार भाजपा को करीब 170 सीटें देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को करीब 80 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को करीब 40 सीटें मिल सकती हैं।

अधिकांश सीटों पर बन चुकी है सहमति

हालांकि किसी भी पार्टी ने अभी तक सीट बंटवारे को लेकर आधिकारिक रूप से कोई ऐलान नहीं किया है। माना जा रहा है कि चुनाव तारीखों के लिए ऐलान के आसपास सीट बंटवारे के फॉर्मूले का भी खुलासा किया जा सकता है।

सतारूढ़ गठबंधन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अधिकांश सीटों को लेकर बातचीत का दौर पूरा हो चुका है। सिर्फ 25 सीटों पर चर्चा होनी बाकी है। इन सीटों पर चर्चा के लिए सत्तारूढ़ खेमे के नेताओं की दो दौर में जल्द ही बैठक होने वाली है। इन बैठकों के दौरान महाराष्ट्र की सभी सीटों पर चर्चा का काम पूरा हो जाएगा।

2019 के बाद होता रहा है बड़ा खेल

महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। 2019 में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन ने बहुमत हासिल किया था मगर मुख्यमंत्री पद को लेकर पेंच फंस गया था। आखिरकार मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद इतना गहरा गया कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था।

बाद में अजित पवार ने खेमा बदलते हुए भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को समर्थन देने की घोषणा की थी और देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। हालांकि बहुमत साबित करने से पूर्व ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

शिंदे और अजित की बगावत से मिली मजबूती

इसके बाद महाराष्ट्र के सियासी हालात में बड़ा बदलाव आया था। शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 2022 में उद्धव ठाकरे को उस समय बड़ा झटका लगा था जब उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने विधायकों के बड़े समूह के साथ बगावत कर दी थी और एनडीए में शामिल हो गए थे।

पार्टी विधायकों की बगावत के कारण उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो गए थे। बाद में शिंदे ने भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अभी भी महाराष्ट्र में शिंदे की अगुवाई वाली सरकार सत्तारूढ़ है।

सतरूढ खेमे को उस समय बड़ी मजबूती मिली थी जब एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बागी तेवर दिखाए था। उन्होंने एनडीए को समर्थन देने की घोषणा के साथ ही डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। अब वे भाजपा और शिंदे की अगुवाई वाले शिवसेना के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

आयोग की टीम कर चुकी है राज्य का दौरा

चुनाव आयोग की टीम पहले ही महाराष्ट्र का दौरा करके तैयारी का जायजा ले चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अगुवाई वाली टीम पिछले महीने महाराष्ट्र के दौरे पर पहुंची थी। चुनाव आयोग की 14 सदस्यीय टीम ने विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ चर्चा के अलावा सुरक्षा व्यवस्था और अन्य तैयारियां की भी समीक्षा की थी। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त होने वाला है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है कि राज्य में 26 नवंबर से पहले चुनाव कर लिए जाएंगे।

जानकार सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद आयोग 10 अक्टूबर को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकता है जिसमें महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव भी इन दोनों राज्यों के साथ ही कराए जाएंगे।

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