Maharashtra Floor Test: शिंदे सरकार बहुमत परीक्षण में पास, 164 विधायकों का मिला समर्थन, विरोध में पड़े 99 वोट
Maharashtra Floor Test: Maharashtra Assembly में नवनिर्वाचित एकनाथ शिंदे सरकार ने आज बहुमत परीक्षण में सफलता हासिल की। शिंदे सरकार ने विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास कर लिया। उन्हें कुल 164 वोट मिले।
Maharashtra Shinde Govt Floor Test : Maharashtra Shinde Govt Floor Test :महाराष्ट्र में कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक के बाद शिंदे सरकार ने विधानसभा में आसानी से बहुमत साबित कर दिया। शिंदे सरकार ने रविवार को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में ही अपनी ताकत दिखा दी थी और उसके बाद से ही विधानसभा में बहुमत पाना महज औपचारिकता माना जा रहा था। स्पीकर के चुनाव में सत्ता पक्ष के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को 164 मत हासिल हुए थे जबकि आज विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान भी 164 विधायकों ने शिंदे सरकार का समर्थन किया। प्रस्ताव के विरोध में 99 वोट पड़े जबकि रविवार को स्पीकर के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार राजन सालवी को 107 मत मिले थे।
ध्वनिमत पर विपक्ष की ओर से एतराज जताए जाने के बाद वोटिंग से विश्वास मत का फैसला हुआ। दोनों गुटों के विधायकों को अलग-अलग बैठाकर हेड काउंट किया गया। राज्य के डिप्टी सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को ही दावा किया था कि बहुमत की परीक्षा पास कर लेने का दावा किया था। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से विश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। बाद में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग कराई जिसमें शिंदे सरकार आसानी से अपना बहुमत साबित करने में कामयाब रही। देर से पहुंचने के कारण कांग्रेस के पांच विधायकों को विधानसभा में एंट्री नहीं मिली।
अब शिवसेना पर कब्जे की जंग
स्पीकर का चुनाव जीतने और विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद अब शिवसेना पर कब्जा जमाने की जंग और तीखी होने के आसार हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। विधानसभा के नए अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को झटका देना शुरू कर दिया है। उन्होंने शिवसेना के अजय चौधरी को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है।
भरत गोगावले बने मुख्य सचेतक
नार्वेकर के कार्यालय की ओर से जारी एक पत्र के मुताबिक शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया है। इसके साथ ही स्पीकर ने ठाकरे गुट को एक और बड़ा झटका दिया है। ठाकरे गुट से जुड़े हुए सुनील प्रभु को मुख्य सचेतक के पद से हटाकर शिंदे गुट के भरत गोगावले को शिवसेना का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। रविवार को गोगावले और सुनील प्रभु दोनों ने अपना-अपना व्हिप लागू होने की बात कही थी। शिंदे गुट की ओर से स्पीकर को एक पत्र भी सौंपा गया है जिसमें व्हिप का उल्लंघन करने वाले शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की गई है। दूसरी ओर सुनील प्रभु ने भी व्हिप का उल्लंघन करने वाले बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
एक और विधायक ने उद्धव का साथ छोड़ा
फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव गुट के एक और विधायक ने बागी तेवर अपना लिया। जानकारों का कहना है कि सदस्यता पर लटकती तलवार के कारण विधायक संतोष बांगर ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया। बांगर आज शिंदे गुट के विधायकों के साथ होटल से निकले और उन्हीं के साथ विधानसभा पहुंचे। बांगर कलमनुरी स्वीट से शिवसेना के विधायक हैं। बांगर ने विधानसभा में शिंदे सरकार के समर्थन में वोट डाला।
उद्धव गुट को लगा सुप्रीम कोर्ट से झटका
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से फिर करारा झटका लगा है। नए मुख्य सचेतक की नियुक्ति के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से स्पीकर के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत का कहना था कि वह इस मुद्दे पर बाकी मामलों के साथ 11 जुलाई को सुनवाई करेगी।
अजीत पवार विपक्ष के नेता बने
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में डिप्टी सीएम की भूमिका निभाने वाले अजीत पवार को विपक्ष का नेता बनाया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से पवार को नेता नामित किया गया है। पहले जयंत पाटिल को नेता बनाए जाने की चर्चाएं थीं जिसे लेकर अजित पवार गुट नाराज बताया जा रहा था।
पवार की मध्यावधि चुनाव की भविष्यवाणी
इस बीच एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने अपनी पार्टी के विधायकों से मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के शिंदे सरकार छह महीने से ज्यादा नहीं चलने वाली है। एनसीपी विधायकों और पार्टी नेताओं की बैठक में पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की नई सरकार 6 महीने में गिर सकती है। इसलिए विधायकों को जनसंपर्क बढ़ाने में जुट जाना चाहिए। एनसीपी के एक विधायक ने बताया कि बैठक के दौरान पवार ने कहा कि शिवसेना के बागी विधायक मौजूदा व्यवस्था से खुश नहीं हैं। मंत्रिमंडल विस्तार और मंत्रालय बांटे जाने के बाद विधायकों की नाराजगी बाहर आ सकती है।
इसका नतीजा यह होगा कि शिंदे सरकार जल्द ही गिर जाएगी। पवार ने बागी विधायकों के फिर शिवसेना में लौटने की उम्मीद भी जताई। उन्होंने कहा कि एनसीपी विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा वक्त देना चाहिए क्योंकि उन्हें जल्द ही चुनाव मैदान में उतरना पड़ सकता है।