Aurangzeb Tomb Controversy: औरंगजेब की कब्र के विवाद में CM फडणवीस की मंत्रियों को नसीहत, राजधर्म अपनाएं और बयानों में बरतें संयम
Aurangzeb Tomb Controversy: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी सरकार के मंत्रियों को अपने बयानों में संयम बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके बयानों से समाज में किसी भी प्रकार का द्वेष न फैले।;
CM Devendra Fadnavis (photo: social media )
Aurangzeb Tomb Controversy: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र के लेकर पैदा हुआ विवाद सियासी रूप से काफी गरमाया हुआ है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इसे लेकर आक्रामक तेवर अपना लिया है और कब्र को हटाने की मांग की है। इस मुद्दे को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ ही महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों की ओर से भी तीखी बयानबाजी की जा रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी सरकार के मंत्रियों को अपने बयानों में संयम बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके बयानों से समाज में किसी भी प्रकार का द्वेष न फैले। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की राजधर्म की सीख की याद दिलाते हुए कहा कि मंत्रियों को व्यक्तिगत पसंद-नापसंद से ऊपर उठाते हुए संविधान के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए।
राजधर्म का पालन करने की नसीहत
महाराष्ट्र में एनसीपी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल की ओर से बुधवार को लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ़ द ईयर अवार्ड 2025 का आयोजन किया गया था। इस मौके पर एक साक्षात्कार में फडणवीस ने कहा कि हमें अपने पद की गरिमा को बनाए रखते हुए संविधान के अनुरूप काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि राजधर्म का पालन करना आवश्यक है। ऐसे में एक मंत्री के तौर पर हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र के खिलाफ नागपुर में प्रदर्शन के बाद हाल में हिंसा भड़क गई थी। इसके साथ ही राज्य सरकार के मंत्री नितेश राणे की ओर से विवादित बयान भी दिया गया था। ऐसे में मुख्यमंत्री फडणवीस की ओर से राज्य के मंत्रियों को दी गई नसीहत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बयानबाजी में संयम बरतना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने संविधान की शपथ ली है और संविधान ने हमें यह जिम्मेदारी दी है कि किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। संविधान के अनुरूप कार्य करने के लिए हमें अपनी व्यक्तिगत राय और पसंद-नापसंद को किनारे रख देना चाहिए। मंत्रियों को बोलते समय संयम बरतना चाहिए और इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि उनकी ओर से कही गई बातों से समाज में किसी भी प्रकार का द्वेष या वैमनस्य न फैले।
कई बार कुछ युवा मंत्री भावनाओं में बहकर कुछ ऐसी बातें बोल देते हैं जो उन्हें नहीं बोलनी चाहिए। मैं ऐसे मौकों पर युवा नेताओं से बात करता हूं और उन्हें बताता हूं कि उन्हें इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए। मैं उन्हें हमेशा संयम बरतने की सलाह देता हूं।
सभी वर्गों के साथ न्याय के लिए प्रतिबद्ध
दरअसल साक्षात्कार के दौरान जयंत पाटिल की ओर से मुख्यमंत्री से कुछ मंत्रियों की ओर से समुदाय विशेष के खिलाफ की जा रही बयानबाजी पर सवाल पूछा गया था जिसके जवाब में फडणवीस ने ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री का कहना था कि उनकी सरकार समाज के सभी वर्गों के साथ न्याय करने के लिए प्रतिबद्ध है।
महाराष्ट्र में इन दिनों औरंगजेब की कब्र को लेकर पैदा हुए विवाद के दौरान सियासी बयानबाजी काफी तेज हो गई है। मंत्री नितेश राणे के बयान से विपक्ष काफी नाराज है और उनके खिलाफ विपक्ष की ओर से प्रदर्शन भी किया गया था। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब राणे ने उग्र बयानबाजी की है। इसके पहले भी वे कई मौकों पर विवादित बयान दे चुके हैं।