महाराष्ट्र चुनाव: हरियाणा से हिली कांग्रेस ने बदली चाल, दिग्गजों को बांट दिए इलाके
Maharashtra Election 2024: विदर्भ क्षेत्र इस पुरानी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 64 विधायकों को चुनता है।
Maharashtra Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में करारी हार से अभी भी उबर रही कांग्रेस ने अशोक गहलोत, सचिन पायलट और भूपेश बघेल समेत कई सीनियर नेताओं को आगामी महाराष्ट्र चुनावों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इस कदम को महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण लड़ाई के लिए अपनी रणनीति में बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
पार्टी के अनुसार, वरिष्ठ नेताओं- मुकुल वासनिक और अविनाश पांडे को राज्य चुनाव के वरिष्ठ समन्वयक नियुक्त किया गया है, जबकि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर को मुंबई और कोंकण संभाग के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और मध्य प्रदेश के नेता उमंग सिंघार को विदर्भ के कपास क्षेत्र में तैनात किया गया है। ये इलाका कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था।
राजस्थान के नेता सचिन पायलट और तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी को मराठवाड़ा के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल को पश्चिमी महाराष्ट्र की देखभाल का काम सौंपा गया है।
राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन और तेलंगाना की मंत्री डी अनसूया सीताक्का उत्तर महाराष्ट्र की जिम्मेदारी संभालेंगी।
खास है विदर्भ
विदर्भ क्षेत्र इस पुरानी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 64 विधायकों को चुनता है। भाजपा पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में अपने पैर पसारने में सफल रही है। हालांकि, कांग्रेस ने नागपुर और अकोला को छोड़कर अधिकांश लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करते हुए विदर्भ में वापसी की। पार्टी ने जमीनी स्थिति का आकलन करने और सुधारात्मक उपाय करने के लिए दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को पर्यवेक्षक के रूप में मैदान में उतारा है।
महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा है कि कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन में अत्यधिक सावधानी बरतेगी। एक अन्य नेता ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में सीट बंटवारे की व्यवस्था के तहत कांग्रेस 110-120 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी।
दरअसल हरियाणा चुनाव से कांग्रेस को एहसास हो गया है कि जीत हासिल करने को लेकर अति आत्मविश्वासी और आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए। महाराष्ट्र एक महत्वपूर्ण चुनाव है और पार्टी को लगता है कि माहौल उसके पक्ष में है। इसलिए वह अब कोई और गलती नहीं करना चाहती।