Maratha Reservation: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी मिलेगा मराठा आरक्षण, विधेयक को मिली मंजूरी

Maratha Reservation: महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक दिवसीय विधासनभा का विशेष सत्र बुलाया है, जिसका प्रमुख एजेंडा 'मराठा आरक्षण' है।

Report :  Viren Singh
Update:2024-02-20 14:22 IST

Maratha Reservation (सोशल मीडिया) 

Maratha Reservation: काफी समय आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत रहे मराठा लोगों के लिए आज एक बड़ी जीत हुई है। सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मराठा आरक्षण के विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी। विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अब राज्य में शिक्षा और सरकार नौकरियों में 10% मराठा आरक्षण मिलेगा।

आज पेश किया जाएगा विस में मराठा आरक्षण बिल

मराठा आरक्षण के विधेयक के मसौदे को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब इस बिल को राज्य की विधानसभा पटल पर सरकार रखेगी। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक दिवसीय विधासनभा का विशेष सत्र बुलाया है, जिसका प्रमुख एजेंडा 'मराठा आरक्षण' है। विधानसभा में आज सबसे पहले सरकार इस विधेयक को प्रस्तुति करेगी। उसके बाद इस पर चर्चा की जाएगी। बाद में सदस्यों की वोटिंग के जरिये इस बिल को पास कराया जाएगा। सरकार के पास बहुमत होने की वजह से संभावनाएं प्रबल हैं कि यह बिल विधानसभा से सौ फीसदी पास करा लिया जाएगा।

जारंगे पाटिल कर रहे थे मराठा आरक्षण का नेतृत्व

पिछले हफ्ते सीएम शिंदे ने दावा किया था कि उनकी सरकार अन्य समुदायों के आरक्षण में किसी भी तरह का बदलाव किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देगी। जारंगे पाटिल के नेतृत्व में मराठा समुदाय ओबीसी श्रेणी के तहत शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा था। हालांकि कुंभी श्रेणी के तहत आरक्षण की गारंटी पर महाराष्ट्र सरकार के भीतर आपत्ति भी दिखाई दे रही है। वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने इसका विरोध किया है।

सुप्रीम कोर्ट का ये था फैसला आरक्षण पर

इसके साथ, शिंदे सरकार ने राज्य विधानमंडल के एक विशेष सत्र में मराठों के लिए आरक्षण को 50% से ऊपर बढ़ा दिया। वहीं, मसौदे में सरकार ने उन त्रुटियों को दूर कर लिया है, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया था। साल 2021 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में कॉलेज प्रवेश और नौकरियों में मराठों के लिए आरक्षण को रद्द कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि समग्र आरक्षण पर 50% के उल्लंघन को उचित ठहराने के लिए कोई असाधारण परिस्थितियां नहीं थीं। हालांकि बाद में राज्य ने समीक्षा याचिका दायर की थी, इसको खारिज कर दिया गया। फिर सरकार सुधारात्मक याचिका दायर की।

ईडब्ल्यूएस का पहले से मिला रहा लाभ

मराठा आरक्षण विधेयक सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 के समान है, जिसे तत्कालीन सीएम देवेंद्र फड़नवीस द्वारा पेश किया गया था। महाराष्ट्र में पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% कोटा है। इसमें मराठा सबसे बड़े लाभार्थी है, जो 85% आरक्षण का दावा करते हैं।

मराठा आरक्षण पर समिति ने पेश की रिपोर्ट

बीते शुक्रवार को महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग (एमबीसीसी) ने राज्य सरकार को मराठा समुदाय के सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन पर एक रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में आरक्षण बढ़ाए जाने का सुझाव दिया गया। एमबीसीसी ने केवल नौ दिनों की अवधि में लगभग 2.5 करोड़ घरों का सर्वेक्षण किया था। आयोग के अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे ने की। समिति ने शिक्षा और नौकरियों में मराठों के लिए 10% आरक्षण का प्रस्ताव रखा।

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