Maharashtra Political Crisis: अजित पवार समेत नौ बागियों के खिलाफ अयोग्यता की याचिका, NCP ने चुनाव आयोग को भी भेजा ई-मेल
Maharashtra Political Crisis Update: पार्टी की ओर से अजित पवार समेत नौ बागियों के खिलाफ अयोग्यता की याचिका विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास भेज दी गई है। इसके साथ ही पार्टी चुनाव आयोग के पास भी पहुंच गई है।
Maharashtra Political Crisis Update: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से बगावत कर के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और उनके साथी विधायकों को सबक सिखाने के लिए पार्टी के मुखिया शरद पवार सक्रिय हो गए हैं। पार्टी की ओर से अजित पवार समेत नौ बागियों के खिलाफ अयोग्यता की याचिका विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास भेज दी गई है। इसके साथ ही पार्टी चुनाव आयोग के पास भी पहुंच गई है।
एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि एनसीपी से बगावत करने वाले नौ विधायकों को अयोग्य ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क करने के साथ ही हमने चुनाव आयोग को भी ई-मेल भेजा है। पार्टी की ओर से भेजे गए ई-मेल में दावा किया गया है कि पार्टी के सभी नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूरी तरह पार्टी के मुखिया शरद पवार के साथ हैं। डिप्टी सीएम अजित पवार और छगन भुजबल की ओर से पार्टी और सिंबल पर दावा किए जाने के बाद शरद पवार और उनके सहयोगी नेताओं ने यह सक्रियता बढ़ाई है।
अब पार्टी पर कब्जे की जंग छिड़ी
दरअसल रविवार को अजित पवार की अगुवाई में एनसीपी में हुई बगावत के बाद अब पार्टी पर कब्जे की जंग छिड़ गई है। शपथ लेने के बाद अजित पवार और छगन भुजबल ने साफ तौर पर कहा है कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के सिंबल पर ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। दूसरी ओर शरद पवार और उनके सहयोगी नेताओं ने पार्टी और सिंबल को बचाने के लिए मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में पहला कदम उठाते हुए महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष के सामने नौ बागियों को अयोग्य ठहराने की याचिका दाखिल की गई है। अब इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है।
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का कहना है कि हमने पूरे घटनाक्रम से चुनाव आयोग को भी अवगत कराया है। चुनाव आयोग को भेजे गए ई-मेल में बताया गया है कि पार्टी अभी भी पूरी तरह शरद पवार के नेतृत्व में एकजुट है। शरद पवार को पूरी पार्टी का समर्थन हासिल है। दरअसल उद्धव ठाकरे प्रकरण से सबक लेते हुए शरद पवार और उनके सहयोगी नेताओं ने यह सक्रियता बढ़ाई है। आयोग ने पिछले दिनों उद्धव ठाकरे से शिवसेना का सिंबल छीनकर शिंदे गुट को सौंप दिया था।
बागियों का कदम पार्टी की नीतियों के खिलाफ
पाटिल ने कहा कि एनसीपी के 9 सदस्यों ने राजभवन में शपथ लेकर पार्टी की नीतियों का पूरी तरह उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि अजित पवार और अन्य बागियों की ओर से पार्टी के मुखिया शरद पवार को पूरी तरह अंधेरे में रखकर यह कदम उठाया गया है। इसीलिए हमारी मांग है कि इन सभी को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। हम इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष के सामने पूरे तथ्य रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भेजे गए ईमेल में केवल नौ बागियों का जिक्र किया गया है क्योंकि बाकी अन्य सभी विधायक हमारे संपर्क में है। उन्होंने कहा कि इन सभी विधायकों का समर्थन हमारे साथ है। हालांकि दूसरी ओर अजित पवार और छगन भुजबल समेत उनके गुट के अन्य नेताओं ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।
पीएम मोदी की तारीफ पर पवार ने उठाए सवाल
इस बीच एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा कि इस तरह की बगावत मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। मैं पहले भी ऐसी बगावत का सफलतापूर्वक सामना कर चुका हूं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में नया नेतृत्व तैयार करूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी में इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होने पर उन्हें काम करने की ज्यादा ऊर्जा मिलती है। शरद पवार ने बागियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ किए जाने पर भी सवाल उठाएं।
उन्होंने कहा कि चार साल पहले चुनाव लड़ने पर हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था और पीएम मोदी लगातार हम पर हमला करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बात मेरी समझ से परे है कि अचानक क्या बदलाव हो गया कि वे लोग पीएम मोदी की प्रशंसा करने लगे। सच्चाई तो यह है कि उन्हें सत्ता की चाहत थी और इसीलिए उन्होंने पाला बदल किया है। पार्टी पर कब्जे की जंग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी किसकी है, इस बात का फैसला जनता की अदालत में होगा।