Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में फिर सियासी उठापटक की अटकलें, नाराज अजित पवार ने नहीं लिया कैबिनेट बैठक में हिस्सा,सीएम शिंदे और फडणवीस पहुंचे दिल्ली
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में अजित पवार के पाला बदलने के बाद ट्रिपल इंजन की सरकार चल रही है मगर जानकार सूत्रों का कहना है कि सरकार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। डिप्टी सीएम अजित पवार का कैबिनेट बैठक में हिस्सा न लेना उनकी नाराजगी का बड़ा संकेत माना जा रहा है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिंदे सरकार में खींचतान बढ़ गई है। एनसीपी से बगावत करके शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बनने वाले अजित पवार नाराज बताए जा रहे हैं। मंगलवार को हुई शिंदे कैबिनेट की बैठक में भी अजित पवार ने हिस्सा नहीं लिया। अजित पवार की नाराजगी के चलते राज्य में एक बार फिर सियासी उठापटक की अटकलें तेज हो गई हैं। शरद पवार की बेटी और एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले का कहना है कि तीन महीने के भीतर ही नाराजगी की खबरें बाहर आने लगी हैं जिससे साफ हो गया है कि हनीमून ओवर हो चुका है। राज्य में बढ़ती सियासी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं।
शिंदे सरकार में खींचतान तेज
महाराष्ट्र में अजित पवार के पाला बदलने के बाद ट्रिपल इंजन की सरकार चल रही है मगर जानकार सूत्रों का कहना है कि सरकार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। डिप्टी सीएम अजित पवार का कैबिनेट बैठक में हिस्सा न लेना उनकी नाराजगी का बड़ा संकेत माना जा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि अजित पवार अस्वस्थ होने के कारण बैठक में हिस्सा नहीं ले सके। उन्होंने इसके पीछे किसी भी प्रकार की नाराजगी की संभावना से इनकार किया है।
वैसे शिंदे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करने के लिए राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। मंगलवार की शाम दिल्ली रवाना होने से पूर्व मीडिया से बातचीत के दौरान शिंदे ने कहा कि राज्य में सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा है और जल्दबाजी में किसी भी प्रकार का कोई निष्कर्ष निकालने की आवश्यकता नहीं है।
सुप्रिया सुले ने कहा-हनीमून ओवर
दूसरी ओर अजित पवार की नाराजगी की खबरों के बीच उनकी छोटी बहन और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने इसे हनीमून ओवर बताया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ट्रिपल इंजन की सरकार बने अभी मात्र तीन महीने हुए हैं,लेकिन एक गुट की नाराजगी की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी मिली है कि नाराज गुट ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है और अपनी नाराजगी के कारणों के संबंध में उन्हें जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि तीन महीने में ही हनीमून समाप्त हो गया है और गठबंधन में समस्याएं पैदा होने लगी हैं।
विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि ऐसा लगता है कि अजित पवार राजनीतिक बीमारी से पीड़ित है। पता चला है कि वे जिलों के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति में देरी से नाराज हैं। अजित पवार ने तीन महीना पहले शिंदे सरकार में शामिल होने का फैसला किया था मगर अभी तक एनसीपी के कुछ मंत्रियों को विभिन्न जिलों का प्रभारी नहीं बनाया गया है जिसे लेकर अजित पवार नाराज बताए जा रहे हैं।
छगन भुजबल ने अजित पवार को बताया बीमार
दूसरी ओर अजित पवार गुट के नेता और शिंदे सरकार में वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल का कहना है कि दादा अजित पवार गले के संक्रमण से पीड़ित हैं और इसी कारण वे कैबिनेट की बैठक में हिस्सा नहीं ले सके। उनका भी दिल्ली जाने का कार्यक्रम था मगर गले में दिक्कत की वजह से वे दिल्ली नहीं जा सके। अजित पवार की बीमारी को राजनीतिक बीमारी बताए जाने पर भुजबल ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है।
एनसीपी प्रवक्ता संजय तटकरे का भी कहना है कि अजित पवार गले के संक्रमण से परेशान हैं और इसके साथ ही वे बुखार से भी पीड़ित हैं। इसी कारण उन्होंने घर पर आराम करने का फैसला किया है।
इसलिए नाराज हैं अजित पवार
हालांकि एनसीपी नेताओं की ओर से उन्हें बीमार बताया जा रहा है मगर पार्टी सूत्रों का कहना है कि अजित पवार अपने साथ एनसीपी छोड़ने वाले अन्य नेताओं को जिला संरक्षक मंत्री न बनाए जाने से भीतर ही भीतर नाराज हैं। उन्होंने अपने साथी मंत्रियों के लिए कई जिलों की सूची बना रखी है मगर अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। यह सूची काफी दिनों से लंबित पड़ी हुई है। अजित पवार की इस नाराजगी की वजह से ही राज्य में एक बार फिर सियासी उठापटक की अटकलों ने तेजी पकड़ रखी है।