सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों के शिवसेना विधायकों की अयोग्यता कार्यवाही पर रोक लगाई, उद्धव की बैठक में नहीं पहुंचे सात सांसद
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने से फिलहाल रोका है। कोर्ट ने कहा, 'स्पीकर को सूचित किया जाए कि वह अभी फैसला न लें।
Maharashtra Political News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट दोनों गुटों के शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर कार्यवाही पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि मामले में शामिल सभी पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला किया जाएगा।
अदालत ने याचिकाकर्ताओं से स्पीकर को यह सूचित करने को भी कहा कि जब तक मामले का फैसला करने के लिए नई पीठ का गठन नहीं हो जाता तब तक विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई या सुनवाई नहीं की जानी चाहिए।
राज्यपाल की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह इस संबंध में विधान सभा अध्यक्ष को सूचित करेंगे।
उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई को कहा था कि एकनाथ शिंदे के 39 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से संबंधित मामला 11 जुलाई को होगा। सिब्बल ने अदालत में कहा, कि 'कल अयोग्यता का मामला विधानसभा में सुना जाएगा। अगर, सर्वोच्च न्यायालय आज सुनवाई नहीं करता है तो मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर उसे खारिज कर देंगे। अतः जब तक सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करता है, तब तक उन्हें फैसले से रोक दिया जाए।
हालांकि, इस सम्बन्घ में अदालत ने कहा कि मामले पर ही फैसला होगा लेकिन इसमें शामिल सभी पक्षों को सुनने के बाद।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण (Chief Justice of India NV Raman) ने कहा, कि 'स्पीकर को सूचित किया जाए कि वह अभी फैसला न लें।' हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि, यह समय लेने वाला मामला है। बेंच का गठन तुरंत नहीं हो सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने ये कहा
वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय (Maharashtra Assembly Secretariat) के प्रधान सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए कहा था, कि 'राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) स्पीकर बने हैं। उन्हें ही अयोग्यता मामले पर सुनवाई करने दिया जाएगा।'
गौरतलब है कि, शिवसेना के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बीते दिनों पार्टी के 37 से अधिक विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। इस कारण राज्य में सियासी संकट गहरा गया था। 10 दिनों तक चले सियासी घमासान के बाद शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली।
मामला क्या है?
विधायकों की अयोग्यता को लेकर शीर्ष अदालत में कम से कम चार याचिकाएं लंबित हैं। एकनाथ शिंदे के विधायकों के खेमे द्वारा दायर दो याचिकाओं में उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना विधायक सुनील प्रभु द्वारा दायर याचिकाओं पर महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा शुरू की गई अयोग्यता कार्यवाही को चुनौती दी गई है।
प्रभु द्वारा दायर एक याचिका में फ्लोर टेस्ट कराने के लिए राज्यपाल द्वारा विधानसभा को "अवैध" बुलाए जाने को चुनौती दी गई थी। प्रभु द्वारा दायर एक और याचिका में अजय चौधरी और सुनील प्रभु को पार्टी नेता और शिवसेना विधायक दल के मुख्य सचेतक के पद से हटाने के अध्यक्ष के आदेश को चुनौती दी गई थी।
27 जून को, सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर द्वारा भेजे गए अयोग्यता नोटिस पर प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए समय बढ़ाकर शिंदे और उनके बागी विधायकों के समूह को अंतरिम राहत दी। जवाब दाखिल करने की आखिरी तारीख 12 जुलाई है।
29 जून को, अदालत ने राज्यपाल द्वारा बुलाए गए एक फ्लोर टेस्ट को भी हरी झंडी दे दी, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ दिया और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली एक नई सरकार ने शपथ ली।
बता दें की राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार भी अभी लंबित है और शीर्ष अदालत द्वारा इन मुद्दों पर फैसला सुनाए जाने के बाद राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार होने की उम्मीद है।
उद्धव की बैठक में सात सांसद रहे अनुपस्थित
इस बीच उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई बैठक में शिवसेना के सात सांसद अनुपस्थित रहे। उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर 12 बजे अपने आवास 'मातोश्री' पर सांसदों की बैठक बुलाई थी। यह बैठक राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के समर्थन और पार्टी के सामने विकल्पों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी।
इससे पहले, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Former Maharashtra CM Uddhav Thackeray) ने शिवसेना के 15 विधायकों को पत्र लिखकर कठिन समय के दौरान "धमकी या प्रस्तावों के दबाव में आत्मसमर्पण किए बिना" उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कथित तौर पर अपने विधायकों से कहा कि निष्ठा सबसे महत्वपूर्ण चीज है।
शिवसेना के ये 12 सांसद बैठक में पहुंचे
बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की बुलाई बैठक में ये 12 सांसद शामिल हुए। इसमें राज्यसभा एमपी संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी भी हैं। इसके अलावा, लोकसभा सांसद गजानन कीर्तिकर, हेमंत गोडसे, विनायक राऊत, अरविंद सावंत, धैर्यशील माने, श्रीरंग बरने, राहुल शेवाले, प्रतापराव जाधवी, सदाशिवराव लोखंडे, राजेंद्र गावित, राजन विचारे और ओमप्रकाश राजेनिंबालकर शामिल है।
शिवसेना के ये सांसद नहीं पहुंचे
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के घर आज हुई बैठक में श्रीकांत शिंदे , भावना गवली, राजन विचारे, हेमंत पाटिल, संजय मांडलिक, संजय जाधवी नहीं पहुंचे।
महाराष्ट्र में बीजेपी की कितनी सीटें
महाराष्ट्र में साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने कुल 48 में से 41 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि कांग्रेस को एक तथा राकांपा को चार सीटों पर जीत मिली थी। कुल 41 सीटों में बीजेपी ने 23 और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी।