Mahua Moitra: महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका, 4 जनवरी तक टली सुनवाई, जानें क्या है मामला

Mahua Moitra: महुआ ने इसी नोटिस को सोमवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर आज सुनवाई की तारीख 4 जनवरी को तय की गई।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-12-19 09:34 GMT

Mahua Moitra  (photo: social media )

Mahua Moitra: तृणमुल कांग्रेस की तेजतर्रार नेत्री महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी आवास खाली करने के मामले में तुरंत कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की सिफारिश पर उन्हें लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है। जिसके बाद डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स की ओर से उन्हें बतौर सांसद दिल्ली में मिले सरकारी आवास को खाली करने का नोटिस दिया गया। महुआ ने इसी नोटिस को सोमवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर आज सुनवाई की तारीख 4 जनवरी को तय की गई है।

हाईकोर्ट ने क्यों राहत देने से किया इनकार

दरअसल, महुआ मोइत्रा अपने निष्कासन के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी हैं। जिसपर 3 जनवरी 2024 को सुनवाई होनी है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें फौरी राहत देने से मना कर दिया। महुआ की याचिका पर जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि आपके (महुआ मोइत्रा) निष्कासन के खिलाफ दाखिल याचिका शीर्ष अदालत में लंबित है। इस पर तीन जनवरी को सुनवाई होनी तय है।

ऐसे में अगर आपके निष्कासन पर रोक लग जाती है तो जाहिर तौर पर आपको बंगला खाली नहीं करना होगा। कोर्ट ने आगे कहा कि अभी हमारे सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। बेहतर होगा कि महुआ मोइत्रा सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का इंतजार करें।

दिल्ली में मेरे पास कोई वैकल्पिक आवास नहीं - महुआ

दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में महुआ मोइत्रा ने कहा कि उनकी पार्टी (तृणमुल कांग्रेस) ने फिर से उन्हें पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। चूंकि लोकसभा से निष्कासन उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराता, इसलिए वह फिर से चुनाव लड़ेंगी। उन्हें अपना समय और ऊर्जा दोनों मतदाता पर केंद्रित करने की आवश्यकता है। महुआ ने कहा कि वह दिल्ली में अकेले रहती हैं, यहां उनके पास कोई अन्य निवास स्थान या वैकल्पिक आवास नहीं है।

ऐसी स्थिति में अगर उन्हें सरकारी आवास से बेदखल किया जाता है, तो उन्हें चुनाव कर्तव्यों को पूरा करना होगा और साथ ही नया घर भी ढूंढना होगा, इससे उन पर भारी बोझ पड़ेगा। टीएमसी नेता ने आगे अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजे तक वर्तमान आवास में ठहरने की अनुमति दी जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि ठहरने की विस्तारित अवधि के लिए लगने वाले किसी भी शुल्क का भुगतान करने के लिए वो तैयार हैं।

बता दें कि 12 दिसंबर को डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स ने टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को 30 दिन में सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस थमाया था।

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