Mahua Moitra: कृष्णानगर सीट से ही दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ेंगी महुआ मोइत्रा, हाईकोर्ट में दायर याचिका में किया दावा

Mahua Moitra: 11 दिसंबर को डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स की ओर से महुआ मोइत्रा को इस बाबत नोटिस थमाया गया था। टीएमसी नेता ने इसे अब दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-19 08:37 IST

Mahua Moitra   (photo: social media )

Mahua Moitra: साल 2019 के आम चुनाव में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से टीएमसी के टिकट पर सांसद निर्वाचित होने वाली महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरी मामले में दोषी पाए जाने के कारण संसद से निष्कासित चल रही हैं। उन्होंने लोकसभा सचिवालय के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। शीर्ष अदालत में इस पर सुनवाई होती लेकिन उससे पहले ही उन्हें बतौर सांसद मिले सरकारी आवास का आवंटन रद्द करते हुए उसे जल्द खाली करने का नोटिस जारी कर दिया गया।

11 दिसंबर को डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स की ओर से महुआ मोइत्रा को इस बाबत नोटिस थमाया गया था। टीएमसी नेता ने इसे अब दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सोमवार को उनकी ओर से दायर याचिका में डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स के उक्त आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। साथ ही कोर्ट से अपील की गई कि कम से कम लोकसभा चुनाव तक उन्हें दिल्ली के सरकारी बंगले में रहने की अनुमति दी जाए क्योंकि यहां उनके पास और कोई आवास नहीं है। इस याचिका को आज यानी मंगलवार को सुनवाई के लिए सुचीबद्ध किए जाने की संभावना है।

महुआ ने दोबारा चुनाव लड़ने का किया दावा

दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में महुआ मोइत्रा ने दावा किया है कि उनकी पार्टी (तृणमुल कांग्रेस) ने फिर से उन्हें पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। चूंकि लोकसभा से निष्कासन उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराता, इसलिए वह फिर से चुनाव लड़ेंगी। उन्हें अपना समय और ऊर्जा दोनों मतदाता पर केंद्रित करने की आवश्यकता है। महुआ ने कहा कि वह दिल्ली में अकेले रहती हैं, यहां उनके पास कोई अन्य निवास स्थान या वैकल्पिक आवास नहीं है।

ऐसी स्थिति में अगर उन्हें सरकारी आवास से बेदखल किया जाता है, तो उन्हें चुनाव कर्तव्यों को पूरा करना होगा और साथ ही नया घर भी ढूंढना होगा, इससे उन पर भारी बोझ पड़ेगा। टीएमसी नेता ने आगे अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजे तक वर्तमान आवास में ठहरने की अनुमति दी जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि ठहरने की विस्तारित अवधि के लिए लगने वाले किसी भी शुल्क का भुगतान करने के लिए वो तैयार हैं।

3 जनवरी को निष्कासन के खिलाफ सुनवाई

लोकसभा सचिवालय की ओर से महुआ मोइत्रा के संसद से निष्कासन की अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना में कहा गया कि 8 दिसंबर 2023 की दोपहर से महुआ मोइत्रा लोकसभा की सदस्य नहीं रहेंगी। स्पीकर ओम बिरला ने महुआ के निष्कासन की जानकारी देते हुए कहा था कि यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। इसलिए उनका संसद में बने रहना उचित नहीं है।

टीएमसी नेता ने लोकसभा स्पीकर के इस फैसले को 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले को 3 जनवरी 2024 को सुनवाई के लिए सुचीबद्ध किया गया है। 12 दिसंबर को महुआ को 30 दिन में सरकारी आवास खाली करने का नोटिस थमाया गया था।

बता दें कि महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्हें सदन में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश मिला। रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि उनके पास महुआ मोइत्रा का लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड था। इससे वे खुद ही महुआ की तरफ से सवाल डालते थे। कारोबारी द्वारा आगे कहा गया कि महुआ का मकसद पीएम मोदी को बदनाम करना था।

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