बड़ी स्टार्टअप कंपनियों ने IIT से बनाई दूरी, छात्रों के सामने रोजगार का संकट

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) छात्रों लिए निराशा भरी खबर है। इस बार आईआईटी में देश के प्रमुख स्टार्टअप प्लेसमेंट के लिए अपनी रुचि नहीं दिखा रहे है। आईआईटी में कैंपस प्लेसमेंट करने वाले स्टार्टअप्स कंपनियों की संख्या में 50 पर्सेंट की कमी आई है।

Update: 2016-11-06 09:55 GMT

नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) छात्रों के लिए निराशा भरी खबर है। इस बार देश के प्रमुख स्टार्टअप प्लेसमेंट के लिए आईआईटी में अपनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। आईआईटी में कैंपस प्लेसमेंट करने वाले स्टार्टअप्स कंपनियों की संख्या में 50 पर्सेंट की कमी आई है।

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इन कंपनियों पर लगा आरोप

-'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के अनुसार, आईआईटीज प्लेसमेंट कमेटी की ओर से कई प्रमुख कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया है।

-इन कंपनियों के चयन प्रक्रिया में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

-आईआईटी में प्लेसमेंट के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों में फ्लिपकार्ट, पेटीएम, ओला कैब्स और स्नैपडील जैसी बड़ी स्टार्टअप्स कंपनियां नहीं जा रही हैं।

-इसकी वजह से इन संस्थानों के छात्रों पर रोजगार ना मिलने का खतरा बढ़ गया है।

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क्या है मुख्य वजह?

-इन कंपनियों पर आरोप लगा है कि उन्होंने पिछले साल आईआईटी स्टूडेंट्स का कैंपस सेलेक्शन करने के बाद समय पर ज्वाइनिंग देने से मना कर दिया। साथ ही तय समय से सेलरी देने से भी इनकार किया था।

-इस बार कंपनियों द्वारा प्लेसमेंट में रुचि नहीं दिखाने के पीछे मुख्य वजह फंड क्राइसिस और मार्केट में जारी उतार-चढ़ाव बताया जा रहा है।

-इस स्थिति को देखते हुए स्टार्टअप्स कंपनियों को कैंपस सेलेक्शन में भाग लेने के लिए प्रमोट किया जा रहा है।

-आईआईटी की नियमित कंपनियां जो हर साल प्लेसमेंट में हिस्सा लेती थीं उन्होंने भी इस बार अपने कदम पीछे हटा लिए हैं।

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-इन सभी कारणों को देखते हुए इस बार सेलेक्शन की प्रक्रिया को नवंबर तक जारी रखने की उम्मीद है।

-आईआईटी चेन्नई में इस बार केवल 54 स्टार्टअप्स ने ही प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है जबकि पिछले साल इनकी संख्या 98 थी।

-वहीं आईआईटी रुड़की कैंपस में पिछले साल 52 और इस साल केवल 35 स्टार्टअप्स ही प्लेसमेंट के लिए आ रहे हैं।

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