Lok Sabha Election 2024: सीट बंटवारे में देरी पर ममता बनर्जी नाराज, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने पर अड़ीं, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

Lok Sabha Election 2024:पश्चिम बंगाल में टीएमसी कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने के लिए तैयार है जबकि कांग्रेस की ओर से 10-12 सीटों की मांग की जा रही है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-01-24 10:07 IST

Lok Sabha Election 2024: विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे का मामला अभी तक नहीं सुलझ सका है और इसे लेकर मुख्यमंत्री और टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी काफी नाराज हैं। उन्होंने सीट बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा में देरी पर कांग्रेस की तीखी आलोचना की है।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने के लिए तैयार है जबकि कांग्रेस की ओर से 10-12 सीटों की मांग की जा रही है। इस कारण यह मुद्दा अभी तक उलझा हुआ है। बीरभूम में पार्टी नेताओं की बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लापता होने की जांच न कराने पर केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा।

सीट बंटवारे में देरी पर जताई नाराजगी

इंडिया गठबंधन में अभी तक पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। दोनों दलों के नेताओं ने अभी तक इस संबंध में एक भी बैठक नहीं की है। हालांकि सीटों को लेकर दोनों दलों की ओर से काफी दिनों से बयानबाजी की जा रही है। इस बीच टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे में देरी पर सख्त नाराजगी जताई है। बीरभूम में पार्टी इकाई की संगठनात्मक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से राज्य में 10-12 सीटों की डिमांड की जा रही है और यह मांग पूरी तरह अनुचित है। पार्टी की ओर से कांग्रेस को दो सीटें दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है।

पार्टी मुखिया ने साफ तौर पर कहा कि हमें कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे की बातचीत के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए बल्कि अपनी चुनावी तैयारी में जुट जाना चाहिए। पार्टी सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी ने बीरभूम जिले की दोनों लोकसभा सीटों पर चुनावी तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हम अकेले लड़ने के लिए तैयार हैं और इसलिए पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव अभियान में जुट जाना चाहिए।

नेताजी को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सुभाष चंद्र बोस का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर निशान भी साधा। उन्होंने कहा कि नेताजी के लापता होने के इतने वर्षों बाद भी लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिरकार उनके साथ क्या हुआ था। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि लोगों को नेताजी की मृत्यु की तारीख तक नहीं मालूम है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से नेताजी के लापता होने की जांच करने का वादा किया गया था मगर केंद्र सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने नेताजी के संबंध में केंद्र सरकार के इस रवैए पर सवाल भी उठाए।

जयंती पर अवकाश न घोषित करना दुर्भाग्यपूर्ण

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल राजनीतिक लाभ के लिए छुट्टियों की घोषणा की जाती है मगर देश की आजादी के लिए अपनी जान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में कोई घोषणा नहीं की जाती। नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद ममता ने कहा कि मैंने 20 वर्षों तक इस बात का प्रयास किया कि नेताजी की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए मगर मैं अपनी मुहिम में कामयाब नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस मांग को पूरा न किया जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।

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