'दीदी' के गढ़ में हर-हर मोदी: CAA पर ममता को दिया करारा जवाब
इस कानून के मुताबिक किसी भी देश का कोई भी व्यक्ति जो भारत से आस्था रखता है वह भारत की नागरिक हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि नागरिकता एक्ट किसी भी नागरिकता छीनता नहीं बल्कि नागरिकता देता है।
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता में हैं। दूसरे दिन सुबह पीएम ने रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ में पूजन अर्चन किया और ध्यान लगाया। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को कोलकाता पहुंचे थे और रात उन्होंने मठ में ही बिताई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मैं पश्चिम बंगाल सरकार का आभारी हूं, जिन्होंने प्रोटोकॉल तोड़कर बेलूर मठ में रात बिताने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि मेरा अतीत बेलूर मठ से जुड़ा है। बेलूर मठ में मुझे सिखाया गया था जनसेवा ही प्रभु सेवा है।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 11, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि बेलूर मठ की धरती पर आना मेरे लिए तीर्थयात्रा करने जैसा है। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब यहां आया था तो गुरुजी, स्वामी आत्मआस्थानंद जी के आशीर्वचन लेकर गया था। आज वो शारीरिक रूप से हमारे बीच विद्यमान नहीं हैं। लेकिन उनका काम, उनका दिखाया मार्ग, रामकृष्ण मिशन के रूप में सदा हमारा मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।
नागरिकता कानून पर पीएम ने कही ये बड़ी बात
बेलूर मठ में नागरिकता कानून पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत सरकार ने रातों रात कोई कानून नहीं बनाया है। देश में इसको लेकर काफी चर्चा हुई, लेकिन इसको लेकर युवाओं में भ्रम फैलाया गया।
Swami Vivekananda lives in the hearts and minds of crores of Indians, especially the dynamic youth of India for whom he has a grand vision. — Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2020
इस कानून के मुताबिक किसी भी देश का कोई भी व्यक्ति जो भारत से आस्था रखता है वह भारत की नागरिक हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि नागरिकता एक्ट किसी भी नागरिकता छीनता नहीं बल्कि नागरिकता देता है।
नागरिकता कानून को लेकर कुछ युवा गलतफहमी का शिकार हैं
उन्होंने कहा नागरिकता कानून को लेकर कुछ युवा गलतफहमी का शिकार हैं। युवाओं के मन में कुछ लोग भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, हमने नागरिकता कानून का सरल किया। पीएम मोदी ने कहा, मैं फिर कहूंगा, सिटिजनशिप एक्ट, नागरिकता लेने का नहीं, नागरिकता देने का कानून है और सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, उस कानून में सिर्फ एक संशोधन है।
The thoughts of Sri Ramakrishna emphasise on furthering harmony and compassion. He believed that a great way to serve God is to serve people, especially the poor and downtrodden. — Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2020
बेलूर मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में की थीबता दें कि हावड़ा जिले के बेलूर के इस मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में की थी। इस मठ को बनाने का उद्देश्य उन साधुओं-संन्यासियों को संगठित करना था जो रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं में गहरी आस्था रखते थे। इन साधुओं और संन्यासियों का काम था कि वह रामकृष्ण परमहंस के उपदेशों को जनसाधारण तक पहुंचाए और गरीब, दुखी और कमजोर लोगों की नि:स्वार्थ भाग से सेवा कर सकें। इस मठ में स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस की स्मृति संजो कर रखी गई है।
आज है स्वामी विवेकानंद की जयंती
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था। स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था।