पश्चिम बंगाल में CBI की एंट्री के मामले में केंद्र को झटका, ममता सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

Mamata Government CBI: ममता सरकार की ओर से आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले मामलों को सीबीआई जांच के लिए भेज दिया जाता है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-07-10 07:29 GMT

पश्चिम बंगाल में CBI की एंट्री के मामले में केंद्र को झटका (photo: social media )

Mamata Government CBI: पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सीबीआई के कथित तौर पर दुरुपयोग के मामले में ममता सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम केंद्र सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

ममता सरकार की ओर से आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले मामलों को सीबीआई जांच के लिए भेज दिया जाता है। इस तरह के मामलों में राज्य सरकार की सहमति नहीं ली जाती और फिर मामले की एकतरफा तरीके से जांच होती है। इन मामलों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से भी हस्तक्षेप किया जाता है। ममता सरकार की इस याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

ममता सरकार की याचिका सुनवाई योग्य

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने ममता सरकार की ओर से दायर याचिका को सुनवाई योग्य माना है। केंद्र सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि यह अर्जी सुनवाई करने के योग्य नहीं है मगर शीर्ष अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बंगाल सरकार की ओर से कानूनी पहलू को उठाया गया है जिस पर सुनवाई की जानी चाहिए।

राज्य सरकार की सहमति के बिना जांच उचित नहीं

शीर्ष अदालत में इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 अगस्त की तारीख तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना राज्य सरकार की इजाजत के किसी मामले में सीबीआई की जांच करना सही कदम नहीं है। जब राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के लिए दी गई अपनी सहमति को वापस ले लिया तो फिर सीबीआई की ओर से मामले क्यों दर्ज किया जा रहे हैं।

अदालत ने कहा कि पश्चिम बंगाल का यह मुकदमा अब कानून के मुताबिक शीर्ष अदालत के समक्ष आगे बढ़ेगा। मुकदमे की विचारणीयता के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जताई गई आपत्तियों को सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह खारिज कर दिया।

शीर्ष अदालत ने उठाए कई सवाल

इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने एक तरह से यह बात साफ कर दी है कि किसी भी राज्य में सीबीआई जांच के लिए वहां की राज्य सरकार की अनुमति लेना जरूरी है। अदालत ने कहा कि इस मामले में सबसे बड़ा सवाल लिया है कि जब राज्य सरकार की ओर से सीबीआई जांच के संबंध में अनुमति वापस ले ली गई है तो क्या फिर भी सीबीआई कोई केस दर्ज कर सकती है?

शीर्ष अदालत में सवाल किया कि क्या इस तरह का कदम उठाना दिल्ली पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के खिलाफ है? सुप्रीम कोर्ट का यह रुख ममता सरकार के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है जबकि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है।

ममता ने 2018 में बैन की थी सीबीआई की एंट्री

ममता सरकार की ओर से 2018 में ही पश्चिम बंगाल से जुड़े मामलों में सीबीआई की एंट्री बैन कर दी गई थी। राज्य सरकार की ओर से यह रोक लगाए जाने के बाद सीबीआई ने संदेशखाली समेत कई मामलों में जांच पड़ताल शुरू कर दी है। सीबीआई की ओर से की जा रही है इन जांचों के खिलाफ ही ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसे सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया गया है।

राज्य सरकार की ओर से आर्टिकल 131 का हवाला देते हुए यह याचिका दायर की गई है। इस आर्टिकल में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच में किसी भी प्रकार का विवाद पैदा होने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उचित आदेश जारी कर सकता है। सीबीआई की ओर से पश्चिम बंगाल में 15 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।

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