Manipur Violence Update: कुकी संगठन ने केंद्र सरकार को दिया अल्टीमेटम, अलग प्रशासन नहीं मिला तो बना लेंगे अपनी सरकार
Manipur Violence Update: कुकी जनजाति की ओर से लगातार अलग प्रशासन की मांग हो रही है, जिसमें मणिपुर सरकार का कोई दखल न हो। अब उनकी ओर से सीधे केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दे दिया गया है।
Manipur Violence Update: मणिपुर में जातीय हिंसा की तीव्रता में कमी जरूरी आई है लेकिन जमीन पर तनाव अब भी कायम है। राज्य के दो सबसे बड़े समुदायों मैतेई और कुकी के बीच दरार इतनी गहरी हो गई है कि अब वे बिल्कुल साथ नहीं रहना चाहते। कुकी जनजाति की ओर से लगातार अलग प्रशासन की मांग हो रही है, जिसमें मणिपुर सरकार का कोई दखल न हो। अब उनकी ओर से सीधे केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दे दिया गया है।
कुकी समुदाय के सबसे बड़े संगठन इंडीजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने केंद्र सरकार को अपनी अलग सरकार बनाने की धमकी दी है। संगठन की ओर से कहा गया है कि अगर उन्हें अलग प्रशासन नहीं दिया गया तो दो हफ्ते बाद तीन जिलों में अपनी एक समानांतर प्रशासन बना लेंगे। जिन तीन जिलों की बात वो कर रहे हैं, वो है - चुराचांदपुर कांगपोक्पी और टैंगनाउपोल।
संगठन ने बड़ी रैली कर दी चेतावनी
आईटीएलएफ द्वारा बुधवार को कुकी बाहुल्य जिलों में विशाल रैली की गई। इस दौरान संगठन के नेताओं ने अलग प्रशासन बनाने की अपनी मांग को जोर शोर से रखा। आईटीएलएफ के महासचिव मुआन टोबिंग ने कहा, राज्य में जातीय संघर्ष को शुरू हुए छह माह से अधिक का समय बीत चुका है, मगर अलग प्रशासन की हमारी मांग के संबंध में कुछ नहीं किया गया है। अगर कुछ हफ्तों के भीतर हमारी मांग नहीं सुनी गई तो हम स्वशासन की स्थापना करेंगे। केंद्र भले इसे मान्यता दे या नहीं।
राज्य सरकार ने अपनाया कड़ा रूख
इंडीजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के नेताओं का दावा है कि सत्तारूढ़ बीरेन सिंह सरकार में दो कैबिनेट मंत्री समेत 10 कुकी विधायक हैं। जिनमें से 8 विधायक तो बीजेपी के ही हैं। इसके अलावा इंफाल वैली में तैनात रहे 10 बड़े अधिकारी भी हमारे साथ हैं। उनका कहना है कि हमारा शासन भारतीय संविधान के दायरे में होगा और मुख्यमंत्री भी हमारे समुदाय का होगा। आईटीएलएफ इस बयान को राज्य सरकार ने खारिज किया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। दरअसल, बहुसंख्यक मैतेई मणिपुर के किसी भी तरह के विभाजन का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
हिंसा में घर गंवाने को मिलेगी आर्थिक मदद
जातीय हिंसा की आग ने मणिपुर में कई लोगों का आशियाना उजाड़ा दिया। इनकी संख्या हजारों में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घाटी और पहाड़ी इलाकों को मिलाकर करीब 5 हजार घर नष्ट हुए हैं। राज्य सरकार ने ऐसे परिवारों के लिए स्थायी आवाज योजना की घोषणा की है। जिसके तहत प्रभावितों को फिर से अपना घर बनाने के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी।
योजना के तहत जिन लोगों के पक्के मकान जला दिया गए या क्षतिग्रस्त कर दिए गए उन्हें 10 लाख रूपये मिलेंगे। जिनका मकान आधा नष्ट हुआ है, उन्हें सात लाख रूपये मिलेगा। जिनके कच्चे मकान जला दिए गए या नष्ट कर दिए उन्हें पांच लाख रूपये दिए जाएंगे। आंशिक रूप से जले या क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए भी सहायता राशि दी जाएगी।
बता दें कि 3 मई 2023 को मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजाति के लोगों के बीच हिंसा भड़क गई थी। महीनों तक चली हिंसा में अब तक 187 मौतें हुई हैं, जबकि 1100 घायल हुए हैं। राज्य में अभी भी इंटरनेट सेवा बंद है।