Manipur Violence Update: फिर सुलग उठा मणिपुर, सुबह से फायरिंग और बमबाजी, मैतेई और कुकी आमने-सामने
Manipur Violence Update: दोनों जगहों पर मैतेई और कुकी समुदाय के हथियारबंद लड़ाके आमने-सामने हैं। दोनों एक दूसरे समुदाय के निहत्थे लोगों को भी निशाना बना रहे हैं।
Manipur Violence Update: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हालात एकबार फिर बिगड़ गए हैं। राज्य के कुछ इलाके हिंसा की आग में फिर सुलग उठे हैं। संवेदनशील चुराचांदपुर जिले में फिर से मारकाट शुरू हो गई है। जिले के थोरबंग और कांगवे में गुरूवार सुबह से फायरिंग और बमबाजी हो रही है। बीते तीन दिनों से रह-रहकर यहां पर हिंसक घटनाएं हो रही हैं। दोनों जगहों पर मैतेई और कुकी समुदाय के हथियारबंद लड़ाके आमने-सामने हैं। दोनों एक दूसरे समुदाय के निहत्थे लोगों को भी निशाना बना रहे हैं।
बुधवार को भी राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर हिंसा पड़ोसी देश म्यांमार सीमा से लगे इलाकों में हुई थी। यहां पर कुकी जनजाति के लोग अधिक संख्या में रहते हैं। सीमा के नजदीक स्थित मोरे नामक गांव में कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। दरअसल, मणिपुर हिंसा में म्यांमार के हथियारबंद गुटों के शामिल होने की आशंका भी व्यक्त की जाती रही है।
मणिपुर-मिजोरम में टेंशन
मणिपुर में करीब तीन महीनों से चल रही जातीय हिंसा का असर अब पड़ोसी राज्य मिजोरम पर भी दिखने लगा है। मिजोरम में बुधवार को कुकी समुदाय के समर्थन में बड़ी रैली निकाली गई थी। जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और बीजेपी विधायक भी शामिल हुए थे। सीएम थांगा के शामिल होने पर मणिपुर सीएम बिरेन सिंह ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमारे अंदरूनी मामलों में जोरामथांगा को दखल नहीं देना चाहिए।
मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकार कुकी जनजाति के खिलाफ नहीं है। ये राज्य सरकार की ड्रग कार्टेल के साथ लड़ाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मणिपुर की अखंडता को नष्ट करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है।
मिजोरम में क्यों हुए प्रदर्शन
मिजोरम के मिजो जनजाति का मणिपुर के कुकी और म्यांमार के चिन जनजाति के साथ मजबूत संबंध हैं। इसलिए मणिपुर में हिंसा के शिकार कुकी लोगों को मिजोरम और म्यांमार से भी सहायता मिल रही है। हिंसा की वजह से मणिपुर से करीब 13 हजार कुकी जनजाति के लोग मिजोरम में पलायन कर चुके हैं। जातीय हिंसा की वजह से मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों में भी असुरक्षा की भावना घर कर गई है। कुछ लोग तो राज्य से निकल भी चुके हैं।
संसद में जारी है मणिपुर मुद्दे पर हंगामा
मणिपुर मुद्दे को लेकर अभी तक संसद का मानसूत्र एक दिन भी ठीक से नहीं चल पाया है। आज यानी गुरूवार को छठे दिन भी संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के कारण दो बजे तक सदन को स्थगित करना पड़ा। विपक्षी दल विरोध जताने के लिए आज काला कपड़ा पहनकर संसद भवन पहुंचे हैं। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच गतिरोध की मुख्य वजह सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान है। विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर पीएम से नीचे सरकार के किसी भी मंत्री का बयान सुनने को तैयार नहीं है।
बता दें कि बीजेपी शासित मणिपुर में इस साल 3 मई को जातीय हिंसा भड़की थी। तब से लेकर अब तक सैंकड़ों लोग इसमें हताहत हो चुके हैं। दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर हिंसा की चर्चा अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी होने लगी है।