Manish Sisodia Bail Plea: मनीष सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दी जमानत अर्जी, CBI ने किया था गिरफ्तार
Manish Sisodia Bail Plea: AAP सरकार में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शुक्रवार (03 मार्च) को राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में जमानत अर्जी दाखिल की।
Manish Sisodia Bail Plea: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शुक्रवार (03 मार्च) को राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में जमानत अर्जी दाखिल की। सिसोदिया की अर्जी पर शनिवार (4 मार्च) को सुनवाई हो सकती है। गौरतलब है कि, मनीष सिसोदिया इस वक्त केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की रिमांड पर हैं। मनीष को हाल ही में दिल्ली की आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
इससे पहले, मनीष सिसोदिया को 28 फ़रवरी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा था। दरअसल, सिसोदिया ने सीबीआई जांच के तरीके को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका ख़ारिज कर दी थी। जिसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने दोनों मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन से इस्तीफा ले लिया। सीएम केजरीवाल ने दोनों के इस्तीफे मंजूर भी कर लिए। दरअसल, कथित शराब घोटाला मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया, जिसके बाद AAP सरकार हरकत में आई।
AAP सरकार में सिसोदिया थे सबसे ताकतवर मंत्री
आबकारी नीति के 'खेल' में जांच एजेंसियां जुटी है। सिसोदिया और जैन इस वक़्त जेल में बंद हैं। ज्ञात हो कि, मनीष सिसोदिया केजरीवाल सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री रहे थे। उनके पास 18 मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी। 26 फरवरी, 2023 को करप्शन मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया थ। मनीष सिसोदिया 4 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में हैं। उससे पहले आज यानी 3 मार्च को जमानत याचिका दाखिल की गई है।
क्यों सिसोदिया आये रडार पर?
दरअसल, ये जानना जरूरी है कि शराब कांड में मनीष सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई किन आधारों पर हुई। सीबीआई ने घोटाला मामले में पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ कई सबूत पेश किए। इसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटल एविडेंस थे। इन पर सिसोदिया कोई जवाब नहीं दे पाए। इतना ही नहीं, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने का भी आरोपी पाया। इसमें उनकी मिलीभगत भी सामने आई। मामले में उस ब्यूरोक्रैट का बयान बेहद अहम रहा, जिसने CBI को दिए अपने बयान में कहा था कि, एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy) तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी। जीओएम (Group of Ministers) के सामने आबकारी नीति रखने से पहले कुछ निर्देश भी दिए गए थे।