रेल राज्य मंत्री ने बताया, आखिर क्यों आती है रेलवे के कंबल से बदबू?

Update:2016-02-27 18:34 IST

नई दिल्ली: राज्यसभा में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने एक ऐसा खुलासा किया है जिससे ट्रेनों में मिलने वाले चादरों, तकियों और कम्बलों से बदबू आने का सही कारण स्पष्ट हो गया है। उन्होंने बताया कि ट्रेन में मिलने वाले कंबलों की धुलाई दो महीने में एक बार ही होती है।

प्रश्नकाल के दौरान दे रहे थे सवालों के जवाब

-मनोज सिन्हा राज्यसभा सदस्यों के सवालों का जवाब दे रहे थे.

-उन्होंने बताया कि तकियों, चादरों और खोलों की धुलाई रोज होती है।

-कुछ सदस्यों ने ट्रेनों में रेल में मिलने वाली तकियों कम्बलों और चादरों से बदबू आने की शिकायत की थी।

पुराना चलन ही अच्छा

-सदन के सदस्यों के इस सवाल पर उपराष्ट्रपति और सभापति हामिद अंसारी ने पुराने चलन की प्रसंशा की।

-सभापति ने कहा कि सफ़र के दौरान अपना बिस्तरबंद साथ ले जाने का चलन अच्छा था।

मनोज सिन्हा ने की उपराष्ट्रपति के सलाह की तारीफ

-मनोज सिन्हा ने हामिद अंसारी के इस सलाह की तारीफ़ की।

-रेल राज्य मंत्री ने कहा कि उनकी यह सलाह अच्छी है।

-अगर यह चलन दोबारा शुरू हो जाए तो रेलवे की समस्या ही दूर हो जाएगी।

-ट्रेनों में मिलने वाले बेडरोल की गुणवत्ता को लेकर समय-समय पर पत्र मिलते रहे हैं।

गुणवत्ता के लिए लगाईं जाएंगी लॉन्ड्रियां

-सिन्हा ने बताया कि घटिया धुलाई के संबंध में कई बार शिकायतें मिली हैं।

-रेलवे ने तय किया है कि गुणवत्ता सुधारने के लिए मशीनीकृत लॉड्रिंयां लगाईं जाएंगी।

-अभी तक 41 लॉड्रिंयां स्थापित कर दी गई हैं।

-25 और लॉड्रिंयों को स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।

-यात्रियों की करीब 85 फीसदी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।

 

 

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