सियासी सनसनी! इस वजह से मायावती का इस्तीफा हो सकता है नामंजूर

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार (18 जुलाई) को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उनका इस्तीफा मंजूर होने की संभावनाएं कम हैं।

Update: 2017-07-18 23:55 GMT
सियासी सनसनी! इस वजह से मायावती का इस्तीफा हो सकता है नामंजूर

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार (18 जुलाई) को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद सियासी गलियारे में सनसनी मच गई। हालांकि राज्यसभा सेक्रेटेरिएट के मुताबिक, इस्तीफा स्वीकार करने का आखिरी फैसला सभापति के पास होता है।

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बताया जा रहा है कि मायावती ने जो 3 पेज का इस्तीफ़ा सौंपा है वह तय प्रारूप के अनुसार नहीं है। त्यागपत्र संक्षिप्त होना चाहिए। इसमें त्यागपत्र देने के कारणों का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए।

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प्रारूप के अनुसार, सांसदों के इस्तीफे का फॉर्मेट तय है कि वह कम शब्दों में लेटर लिखें और इसमें वजह का जिक्र ना हो। ऐसे में इस्तीफा तय प्रारूप के मुताबिक नहीं होने पर नामंजूर हो सकता है।

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वहीं मायावती ने अपने त्यागपत्र में आरोप लगाया कि उन्हें राज्यसभा में दलितों के मुद्दे पर बोलने नहीं दिया गया। मायावती ने उपसभापति पी जे कुरियन पर आरोप लगाया कि वह उन्हें बोलने नहीं दे रहे हैं।

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मायावती ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को इस्तीफ़ा पत्र सौंपा। इसे स्वीकार करने या न करने का फैसला सभापति पर निर्भर करता है।

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लालू बोले- हम मायावती को बिहार से भेजेंगे राज्यसभा

बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने भी मायावती के इस्तीफे के बाद अपनी प्रतिक्रया दी। उन्होंने कहा, "दलितों की आवाज दबाई जा रही है, बीजेपी अहंकार में डूबी हुई है। मायावती के साथ राज्यसभा में जो व्यवहार किया गया, उससे साफ है कि बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है।" लालू ने कहा, "अगर मायावती चाहें, तो हम बिहार से उन्हें फिर राज्यसभा भेजेंगे।"

अगली स्लाइड में पढ़ें किस तरह इस्तीफा स्वीकार होने की संभावना कम है

इस्तीफा स्वीकार होने की संभावना कम

-नियम के मुताबिक इस्तीफे के साथ न कोई कारण बताया जाता है और न ही उस पर कोई सफाई दी जाती है।

-ऐसे में वर्तमान स्वरूप में मायावती का इस्तीफा स्वीकार होने की संभावना कम ही है।

-विजय माल्या ने लंदन से ही इस्तीफा फैक्स कर दिया था, लेकिन उसमें कुछ कारण गिनाए गए थे।

-राज्यसभा सचिवालय से उन्हें दोबारा बिना कारण गिनाए इस्तीफा भेजने को कहा गया।

-रोड रेज में दोषी पाए जाने के बाद 2006 में लोकसभा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दिया था।

-मगर वह नामंजूर हो गया।

-इसके बाद सिद्धू ने दोबारा बिना कोई कारण बताए अपना त्यागपत्र भेजा।

-नवंबर 2016 में कांग्रेस सांसद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोकसभा से इस्तीफा दिया था।

-कैप्टन ने इस्तीफा देने के कारण की व्याख्या भी की थी।

-जिसे सही मानते हुए नामंजूर कर दिया गया था।

आगे की स्लाइड्स में देखिए मायावती ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा

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