600 हाथियों की हत्या: सामने आया इसका सच, मेनका गांधी का दावा गलत

लोकसभा में बोलते हुए राज्य मंत्री डॉ महेश शर्मा ने देश को बताया था कि अप्राकृतिक कारणों यानी दुर्घटनाओं से 2018-19 में देश भर में 75 हाथियों की मौत हुई।

Update: 2020-06-06 08:06 GMT

केरल में एक गर्भवती हथिनी की मौत से पूरा देश भावुक और ऐसे निर्दयी लोगों के खिलाफ गुस्से में है। इस गर्भवती हथिनी की मौत ने एक बार फिर देश में जीव हत्या के मामले को उठाया है। जिस पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर जमकर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। इन सबके बीच गलत तथ्यों के आधार पर फर्जी सूचनाएं भी शेयर कर रहे हैं जो तेजी से वायरल हो रही है।

मेनका गांधी के पोस्ट ने मचाई हलचल

ये मामला अभी भी जोरों पर है और हर तरफ गलियारों में इसकी चर्चा गरम है। ऐसे में इस मामले ने और तूल तब पकड़ लिया जब सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर वायरल हो रहीं ऎसी सूचना को बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने शेयर कर दिया। जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी। मेनिका गांधी ने जिस पोस्ट को शेयर किया है, उसमें दावा किया गया है कि अकेले केरल राज्य में ही हर साल 600 हाथी मार दिए जाते हैं।

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इस ट्वीट के जरिए भाजपा नेता मेनका गांधी ने केरल सरकार के दो अधिकारियों और एक मंत्री का नंबर भी शेयर किया था और लोगों से अपील की थी कि वे हाथियों की हत्याओं के बारे में यहां शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही मेनका गांधी ने एक लंबी पोस्ट लिखी थी, जिसमें दावा किया गया था कि 600 हाथी अकेले केरल में ही हर साल माल दिए जाते हैं। बता दें कि 8 फरवरी 2019 को तत्कालीन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ महेश शर्मा ने लोकसभा में हाथियों से जुड़े कुछ आंकड़े पेश किए थे।

मेनका गांधी का दावा गलत

लोकसभा में बोलते हुए राज्य मंत्री डॉ महेश शर्मा ने देश को बताया था कि अप्राकृतिक कारणों यानी दुर्घटनाओं से 2018-19 में देश भर में 75 हाथियों की मौत हुई। 2017-18 में कुल 105 हाथियों की हादसे में मौत हुई जबकि 2016-17 में 89 और 2015-16 में 104 हाथियों की मौत दुर्घटना के कारण हुईं थीं।

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लोकसभा में दिए अपने भाषण में तत्कालीन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राज्य मंत्री ने बताया था कि 31 दिसंबर 2018 तक चार सालों में देशभर में कुल 373 हाथियों की मौत हादसे के कारण हुई थी। इस लिहाज से केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मेनका गांधी का दावा गलत है। अब ऐसे में मेनका गांधी ओ लेकर विपक्ष भी हावी हो रहा है। ऐसे में मेनका गांधी की भी मुश्किल बढ़ सकती है।

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