West Bengal Ration Scam: कोर्ट में पेश करते ही बेहोश होकर गिर पड़े मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक, ममता ईडी और बीजेपी को दे चुकी हैं चेतावनी

West Bengal Ration Scam: सीएम ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाने वाले ज्योतिप्रिय मलिक को राशन घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से पहले तकरीबन 20 घंटे तक उनके घर पर छापेमारी चली थी।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-10-28 07:59 IST

Jyotipriya Malik  (photo: social media )

West Bengal Ration Scam: पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को शुक्रवार तड़के प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन्हें कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया गया। अदालत ने जैसे ही उन्हें 6 नवंबर तक ईडी की रिमांड पर भेजने का फैसला सुनाया, मलिक बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद वहां हड़कंप मच गया। फौरन अधिकारी उन्हें खुली हवा में सांस लेने के लिए बालकनी में ले गए। कुछ देर बाद उन्हें पीने के लिए पानी दिया।

सीएम ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाने वाले ज्योतिप्रिय मलिक को राशन घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से पहले तकरीबन 20 घंटे तक उनके घर पर छापेमारी चली थी। वन मंत्री की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें कोर्ट से सीधे अस्पताल ले जाया गया। जहां जांच में पता चला कि उन्हें गुर्दे की बीमारी है। फिलहाल वो अस्पताल में ही एडमिट हैं।

ममता ईडी और बीजेपी को दे चुकी हैं चेतावनी

शुक्रवार 27 अक्टूबर को जब पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री मलिक को ईडी ने गिरफ्तार किया था, तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने जांच एजेंसी और भारतीय जनता पार्टी को चेताते हुए कहा था कि ज्योतिप्रिय मलिक हाई शुगर समेत अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्ति हैं, अगर उनकी मौत होती है तो वो दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगी।

West Bengal: राशन घोटाला मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, ममता सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को किया गिरफ्तार

गिरफ्तारी पर बंगाल में गरमाई सियासत

ईडी की कार्रवाई को लेकर पश्चिम बंगाल की सियासत एकबार फिर गरमा गई है। सत्तारूढ़ तृणमुल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी बीजेपी आमने-सामने है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, यह एक बड़ा घोटाला है। यहीं पीडीएस सिस्टम और धान खरीद में अनियमितता बरती गई। इसमें न केवल चावल मिल मालिक बल्कि नौकरशाह भी शामिल हैं। बीजेपी नेता ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह घोटाला मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुआ है।

इस पर टीएमसी ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने विपक्ष पर निशाना साधने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का अपना हथियार बनाया है। मलिक की गिरफ्तारी उत्तरी 24 परगना जिले में टीएमसी को कमजोर करने की रणनीति है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरूपयोग का बदला 2024 के आम चुनाव में बंगाल की जनता द्वारा लिया जाएगा। टीएमसी के अलावा शिवसेना समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी केंद्र पर जांच एजेंसियों के दुरूपयोग को लेकर हमला बोला है।

कैसे निशाने पर आए मलिक ?

पश्चिम बंगाल में राशन घोटाला कोरोना लॉकडाउन के दौरान हुआ। उस समय खाद्य विभाग का जिम्मा मौजूदा वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक ही संभाल रहे थे। पिछले दिनों कोलकाता से एक बड़े राइस मिल कारोबारी बकीबुर रहमान की गिरफ्तारी इस मामले में ईडी ने की थी। उसके घर और अन्य ठिकानों से जांच एजेंसी को घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज मिले थे। ईडी का आरोप है कि रहमान की कंपनियों में 50 करोड़ रूपये से ज्यादा का निवेश किया गया था। तभी से माना जाने लगा था कि जांच एजेंसी जल्द ज्योतिप्रिय मलिक के दरवाजे पर भी दस्तक देगी।

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