मिंटू बाबू हैं ये बन्दर साहब, बन रहे करोड़ों के मालिक, ला रहे दुल्हनिया
फिल्मों में जानवरों का इस्तेमाल उनकी पर्सनल लाइफ में होता हुआ दिखाया जाता है। कभी कुत्ता अपने मालिक के लिए विलेन को पकड़वाता हैं, तो कभी हाथी अपने मालिक के बिना रह नही सकता। ऐसे बहुत किस्से है जिनमे जानवरों का रोल बखूबी दिखाया जाता है।
नई दिल्ली : फिल्मों में जानवरों का इस्तेमाल उनकी पर्सनल लाइफ में होता हुआ दिखाया जाता है। कभी कुत्ता अपने मालिक के लिए विलेन को पकड़वाता हैं, तो कभी हाथी अपने मालिक के बिना रह नही सकता। ऐसे बहुत किस्से है जिनमे जानवरों का रोल बखूबी दिखाया जाता है।
इसी सिलसिलें में आपने अक्षय कुमार की फिल्म ‘एंटरटेनमेंट’ तो देखी ही होगी। तो जरा याद करिए इस फिल्म में एक कुत्ता होता है जिसका नाम ‘एंटरटेनमेंट’ होता है और वो करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक बन जाता है।
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ये तो फिल्मों की बात थी लेकिन असम में असल लाइफ में कुछ ऐसा ही हुआ है। यहां एक बंदर करोड़ों की संपत्ति का मालिक बनने जा रहा है। असम के सिलचर में जमींदार मिंटू बाबू का महल बनने की चर्चा बहुत परवान लिए हुए है। आपकों बता दें, मिंटू बाबू कोई इंसान नहीं बल्कि एक बंदर है।
मिंटू बाबू के लिए महल बनवाने को लेकर एक शख्स ने अपना पूरी जीवन दांव पर लगा दिया है। दरअसल, सिलचर शहर में रहने वाले शुभ्रांशु शेखर नाथ मिंटू के लिए महल बनवाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके पीछे एक बहुत ही रोमांच कहानी है। शुभ्रांशु का कहना है कि जब वह विदेश से भारत आए तो उनको इसी बंदर का साथ मिला। इस बंदर ने उन्हें दोबारा कनाडा नहीं जाने दिया।
बंदर ने भारत में रोका
दरअसल, कनाडा में शुभ्रांशु शेखर का परिवार रहता है. वह 24 साल पहले इंजीनियर के रूप में कनाडा में काम करते थे। लेकिन जब उनका मन कनाडा में नहीं लगा तो वह भारत आ गए। यहां सिलचर के स्थायी घर में उनकी मुलाकात बंदर मिंटू बाबू से हुई। मिंटू से मिलने के बाद उनका विदेश जाने का मोह छूट गया। शुभ्रांशु इस बंदर को अपने बेटे और भाई की तरह मानते हैं।
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शुभ्रांशु जो महल मिंटू के लिए बनवा रहें हैं उसमें मिंटू के मनोरंजन के लिए और साथ के लिए अन्य बंदरों को भी रखा जाएगा। जिससे मिंटू को अकेलापन फील न हो।
मिंटू की शादी का तोहफा होगा ये महल
वैसे तो मिंटू बाबू का जन्म 28 फरवरी 2017 को हुआ था। लेकिन यहीं पिछले दो साल में उनकी जिंदगी बदल गई। शुभ्रांशु शेखर मिंटू को साथ में लेकर कुछ बदलाव करना चाहते हैं।
इसके लिए वह मिंटू के लिए एक शानदार महल भी तैयार करा रहे हैं। साथ ही उसकी शादी कराने के लिए एक मैकी नाम की बंदरिया भी ढूंढ ली है। कनाडा से जब शुभ्रांशु शेखर का परिवार भारत आएगा तब इन दोनों की शादी धूमधाम से कराई जाएगी।
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शादी के बाद मिंटू और मैकी को एक महल उपहार के रूप में दिया जाएगा। इसके बाद जंगल से भटककर शहर में घुस आए बंदरों को महल में लाने का प्रयास किया जाएगा। ताकि वानर बराक घाटी में सुरक्षित रह सकें।