Mission 2024: कई राज्यों में कांग्रेस के लिए मुश्किल हुई राह, सहयोगी दल पार्टी को ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं

Mission 2024: पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में सीटों के बंटवारे का मुद्दा पहले ही उलझा हुआ है और बिहार में राजद ने भी कांग्रेस को आंखें दिखानी शुरू कर दी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-12-26 14:55 IST

Congress  (photo: social media )

Mission 2024: विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में सीट शेयरिंग का मुद्दा लगातार उलझता रहा है। कई राज्यों में कांग्रेस काफी मुश्किल स्थिति में नजर आ रही है क्योंकि क्षेत्रीय दल कांग्रेस को कमजोर बताते हुए ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं। पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में सीटों के बंटवारे का मुद्दा पहले ही उलझा हुआ है और बिहार में राजद ने भी कांग्रेस को आंखें दिखानी शुरू कर दी है। बिहार में राजद की ओर से कांग्रेस को सिर्फ चार सीटें देने की बात कही जा रही है।

विभिन्न राज्यों में कांग्रेस के नेता दूसरे सहयोगी दलों की ओर से रखी जा रही इस शर्त से काफी नाराज हैं मगर एक ही गठबंधन में होने के कारण अभी खुलकर बयानबाजी से परहेज कर रहे हैं। सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर बातचीत आगे बढ़ने पर मतभेद खुलकर सामने आने की बात कही जा रही है। कांग्रेस हाईकमान के लिए भी इस मुद्दे को सुलझाना आसान नहीं माना जा रहा है।

राजद सिर्फ चार सीटें देने को तैयार

जानकार सूत्रों का कहना है कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल सहयोगी दलों को सिर्फ 6 सीटें देने के लिए तैयार है। राजद की ओर से इस बाबत कांग्रेस को बता दिया गया है। दरअसल राजद और जदयू की ओर से राज्य की 17-17 लोकसभा सीटों पर लड़ने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में सिर्फ छह सीटें बच रही हैं जो सहयोगी दलों को दी जा सकती हैं। राजद ने इनमें से दो सीटें सीपीआई और सीपीआई-एमएल को देने की बात कही है। ऐसे में कांग्रेस को बिहार में सिर्फ चार सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।

यूपी में सपा ने कांग्रेस को उलझाया

उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों को लेकर तालमेल बनता नहीं दिख रहा है। राज्य में लोकसभा की 80 सीटें हैं मगर समाजवादी पार्टी इनमें से सिर्फ आठ सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार है। इनमें भी बनारस और लखनऊ जैसी लोकसभा सीटें शामिल हैं जहां कांग्रेस के लिए भाजपा के सामने जीत हासिल करना काफी मुश्किल है।

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के समय सपा और कांग्रेस में सीटों को लेकर तालमेल नहीं हो सका था। अब उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर खींचतान होना तय माना जा रहा है।

बंगाल में टीएमसी की शर्त से कांग्रेस परेशान

बिहार की तरह पश्चिम बंगाल में भी सीटों का मामला उलझा हुआ है। दरअसल पश्चिम बंगाल में टीएमसी कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देना चाहती है। राज्य में लोकसभा की 42 सीटें हैं और ऐसे में कांग्रेस ने 6 से 8 लोकसभा सीटों पर नजरें गड़ा रखी हैं मगर टीएमसी नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं दिख रहा है। टीएमसी नेताओं का तर्क है कि राज्य में कांग्रेस की स्थिति मजबूत नहीं है और ऐसे में उसे दो से ज्यादा सीटें नहीं दी जा सकतीं। टीएमसी की ओर से इस बाबत कांग्रेस नेतृत्व को बता भी दिया गया है।

पंजाब और दिल्ली में आप से खींचतान

पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर काफी टकराव चल रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों पंजाब में एक रैली के दौरान राज्य के मतदाताओं से राज्य की सभी 13 सीटों पर जीत दिलाने की अपील की थी। उनके इस बयान से साफ हो गया कि आप राज्य में कांग्रेस को एक भी सीट देने के लिए इच्छुक नहीं है। इस रैली में केजरीवाल ने भाजपा के साथ कांग्रेस सरकार पर भी हमला बोला था।

दूसरी ओर कांग्रेस की प्रदेश इकाई की ओर से भी राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की वकालत की जा रही है। हालांकि इस बाबत आखिरी फैसला कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेना है। पंजाब की तरह दिल्ली में भी लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों में खींचतान दिखती रही है। ऐसे में पंजाब और दिल्ली दोनों राज्यों में सीट बंटवारे का मामला काफी उलझ गया है। सहयोगी दलों के बढ़ते दबाव के कारण कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं।

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